Shimla News: नगर निगम शिमला चुनाव में कुल 34 में से 24 सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस पार्टी ने इतिहास रच दिया. यह पहली बार है, जब किसी दल को नगर निगम शिमला चुनाव में ऐसा प्रचंड बहुमत मिला हो. अब भले ही कांग्रेस पार्टी को जीत मिल गई हो, लेकिन कांग्रेस की परेशानियां अभी खत्म नहीं हुई हैं. क्योंकि अब कांग्रेस में मेयर-डिप्टी मेयर बनाने के लिए माथापच्ची शुरू हो गई है.


मेयर-डिप्टी मेयर बनने के लिए कई पार्षद इस दौड़ में शामिल हैं. इस दौड़ में सबसे पहला नाम छोटा शिमला से चुनाव जीते सुरेंद्र चौहान 'गुड्डू' का है. सुरेंद्र चौहान तीसरी बार चुनाव जीतकर नगर निगम में पहुंचे हैं और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद अजीज माने जाते हैं. वरिष्ठता और मुख्यमंत्री से खास दोस्ती के आधार पर सुरेंद्र चौहान का मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि इसी दौड़ में सांगटी से कुलदीप ठाकुर और भट्टाकुफर से नरेंद्र ठाकुर भी शामिल हैं. जानकार मानते हैं कि सुरेंद्र चौहान इस दौड़ में कई किलोमीटर आगे हैं. ऐसे में किसी अन्य पार्षद का मेयर बनना लगभग नामुमकिन है.


नगर निगम शिमला में महिला डिप्टी मेयर?


नगर निगम शिमला में इस बार कुल 34 में से 21 महिला पार्षद हैं. इनमें 14 महिला पार्षद कांग्रेस की हैं. ऐसे में मेयर-डिप्टी मेयर के लिए महिला पार्षद भी जमकर लड़ाई लड़ती हुई नजर आएंगी. हालांकि माना यह जा रहा है कि कांग्रेस नगर निगम में महिला डिप्टी मेयर दे सकती है. इसे पार्टी की मजबूरी भी माना जा सकता है. क्योंकि इस बार सदन में महिलाओं की संख्या ज्यादा है. इस दौड़ में टूटीकंडी से उमा कौशल, राम बाजार से सुषमा कुठियाला और नाभा से सिमी नंदा शामिल है. जहां एक ओर यह महिला नेत्री खुद वरिष्ठ पार्षद हैं. तो वहीं, दूसरी ओर इनके परिवार का कांग्रेस की राजनीति में भारी दखल है. ऐसे में इन तीनों महिला नेताओं के नाम इस दौड़ में आगे माने जा रहे है.


चयन के लिए होगा कमेटी का गठन


हालांकि राजनीति संभावनाओं का खेल है. यहां कब, क्या हो जाए? इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. मेयर-डिप्टी मेयर के चयन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कमेटी के गठन की बात कही है. इस कमेटी में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे और पार्षदों की सहमति के बाद मेयर-डिप्टी मेयर का चयन होगा. कांग्रेस को प्रचंड बहुमत होने के चलते टूट-फूट का डर भी नहीं है. नगर निगम शिमला में नौ पार्षदों के साथ भाजपा मुख्य विपक्षी दल के तौर पर काम करेगी. भाजपा के पास भी सदन में सात महिला और दो पुरुष पार्षद हैं.


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