Shimla Nagar Nigam Election 2023: शिमला में 2 मई यानी कि कल नगर निगम के चुनाव होने हैं. पूरे प्रदेश की निगाहें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं. 4 मई को चुनाव का परिणाम आना है. मतदान सुबह 8 बजे शुरू होगा और शाम 4 बजे तक चलेगा. इन चुनावों में मतदाता (Voters) की पहचान के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से जारी मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) के अलावा 17 अन्य दस्तावेज भी मान्य होंगे. इनमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी कर्मचारियों का पहचान पत्र, बैंक, किसान या डाकघर की पासबुक, राशन कार्ड, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, छात्र पहचान पत्र, संपत्ति दस्तावेज, शस्त्र लाइसेंस, परिवहन विभाग द्वारा जारी कंडक्टर लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, पूर्व सैनिक विधवा दस्तावेज, रेलवे, बस पास, विक्लांगता पहचान पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र के साथ आधार कार्ड भी वोटिंग के लिए मान्य होगा.
नगर निगम चुनाव के लिए कुल 34 वार्डों में 149 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें 153 मतदान दल नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें छोटा शिमला स्कूल से रवाना कर दिया गया है. नगर निगम शिमला के 34 वार्डों में कुल 93 हजार 920 मतदाता हिस्सा लेंगे. इनमें 49 हजार 759 पुरुष और 44 हजार 161 महिलाएं शामिल हैं. मतगणना 4 मई को सुबह 10 बजे शुरू होगी.
11 महीने की देरी से हो रहे हैं चुनाव
नगर निगम के चुनाव छह साल बाद हो रहे हैं. इससे पहले जून 2017 में जो चुनाव हुए थे. नगर निगम शिमला के चुनाव जून 2022 में थे, लेकिन मामला कोर्ट में होने के चलते मतदान में करीब 11 महीने की देरी हुई है. दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम निकला है. प्रदेश में नई सरकार के सत्तासीन हुए केवल चार महीने का ही वक्त बीता है. ऐसे में नगर निगम शिमला चुनाव जहां कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा है. वहीं, बीजेपी के लिए भी अधूरे रहे 'मिशन रिपीट' को पूरा करने का एक बड़ा मौका है.
नगर निगम के चुनाव छह साल बाद हो रहे हैं. इससे पहले जून 2017 में जो चुनाव हुए थे. नगर निगम शिमला के चुनाव जून 2022 में थे, लेकिन मामला कोर्ट में होने के चलते मतदान में करीब 11 महीने की देरी हुई है. दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम निकला है. प्रदेश में नई सरकार के सत्तासीन हुए केवल चार महीने का ही वक्त बीता है. ऐसे में नगर निगम शिमला चुनाव जहां कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा है. वहीं, बीजेपी के लिए भी अधूरे रहे 'मिशन रिपीट' को पूरा करने का एक बड़ा मौका है.
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