Shimla News: गणतंत्र दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादक संघ ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. सेब उत्पादक संघ ने नारकंडा से लेकर राज्य सचिवालय तक 60 किलोमीटर लंबी कार रैली निकाली. इस रैली में सैकड़ों किसान-बागवान शामिल हुए. सेब उत्पादक संघ का आरोप है कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान जो वादे किए थे, उन्हें नहीं निभाया जा रहा है. केंद्र सरकार को उनके वादे याद दिलाने के लिए शिमला में यह कार रैली आयोजित हुई.


केंद्र सरकार पर वादा पूरा न करने के आरोप


सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर सभी सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन होने के बाद नारकंडा से रैली निकाली गई. नारकंडा से होते हुए यह रैली शिमला स्थित राज्य सचिवालय तक पहुंची. सेब उत्पादक संघ किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश से लागू करने की मांग कर रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बारे में अभी तक बातचीत करना भी सही नहीं समझा है.


सेब पर MIS का पूरा भुगतान करने की मांग


सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ देने का काम कर रही है. कागजों में तो बागवानों को आगे बढ़ाने की बात होती है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि सेब पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को भी 100 फीसदी तक बढ़ाया जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के बागवान को इसका फायदा मिले. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एमआईएस का बजट भी घटा दिया है. यह फैसला भी बागवानों के खिलाफ है.


सरकार पर पूंजीपतियों को संरक्षण देने के आरोप


सोहन सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार के संरक्षण में पूंजीपति से मार्केट खराब करने का काम करते हैं. उन्होंने अडानी सीए स्टोर पर सब के दाम खराब करने के आरोप लगाए. साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को भी चेताया की जल्द से जल्द यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाए. पिछले सीजन में भी प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाले सेब के दाम के नियम को एक हफ्ते तक ही नियमित रखा जा सका. इसके बाद सरकार ने लदानियों के आगे घुटने टेक दिए. उन्होंने मांग उठाई कि अगले सीजन में यूनिवर्सल कार्टून में ही सेब की बिक्री हो.


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