Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 706 पदों को खत्म करने के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. विरोधस्वरुप यह कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं. शिमला स्थित बिजली बोर्ड के मुख्य कार्यालय सहित विद्युत मंडलों और उपमंडलों में भी इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारियों सहित अन्य सभी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे है. विरोध की यह शुरुआत बड़े आंदलोन की तैयारी की भी सीधी चेतावनी है.


'वर्क-टू-रूल के तहत ही होगा काम' -कर्मचारी


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि सोमवार (10 फरवरी) से कर्मचारियों वर्क-टू-रूल के तहत काम करने का फैसला लिया है. इसके तहत बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी अब 8 घंटे ही अपनी सेवाएं देंगे. इसका मतलब कर्मी सुबह 10 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद इमरजेंसी में भी सेवाएं नहीं देंगे. अपनी कार्य अवधि के दौरान जो भी कर्मचारी व अधिकारी का संबधित कार्य होगा, केवल वही किया जाएगा, उससे अधिक नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्य के आठ घंटे का समय पूरा होने के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपनी सेवाएं नहीं देंगे.


'सरकार के फैसले का खुला विरोध' -कर्मचारी


हीरा लाल वर्मा ने बताया कि कर्मचारी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. यह विरोध फैसला वापस नहीं लिए जाने तक जारी रहेगा. सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है. आज तक किसी भी सरकार ने इस तरह के फैसले नहीं लिए थे. ऐसे में इंजीनियर और कर्मचारी आज से काले बिल्ले लगाकर सरकार के फैसले का विरोध करेंगे. 
अगर प्रदेश सरकार और बोर्ड प्रबंधन से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आते हैं, तो 24 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी और अभियंता सामूहिक अवकाश (Mass Casual Leave) पर जाएंगे. बिजली बोर्ड कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाली की मांग भी प्रमुख है.


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