Shimla News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में रिवाज के मुताबिक कांग्रेस (Congress) को मिली सत्ता से भले ही नेता और कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल हो, लेकिन यह सत्ता कांग्रेस पार्टी के लिए कांटों भरा ताज साबित होने वाली है. 70 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कांग्रेस सरकार की राह आसान नहीं रहने वाली है.


कांग्रेस ने जनता से पहले ही कैबिनेट में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली, महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार 500 रुपए प्रति महीना और 1 लाख रोजगार देने का वादा किया है. कांग्रेस के लिए इन गारंटियों को पूरा करना आसान नहीं रहने वाला है. जानकार मानते हैं कि केंद्रीय सहायता से चलने वाले हिमाचल प्रदेश के लिए इन वादों को पूरा करना बिलकुल आसान नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के लिए प्रदेश की सत्ता कांटों भरा ताज साबित होगी.


पेंशन बोझ में 48 फ़ीसदी की बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक भी 5 सालों में 20 राज्यों का पेंशन बोझ लगभग 50 फ़ीसदी बढ़ा है. इसी तरह कई राज्यों में कुल राजस्व का 40 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन देने में खर्च हो रहा है. हिमाचल प्रदेश के कुल बजट का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कर्मचारियों की तनख्वाह और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन देने में चला जाता है.


हिमाचल प्रदेश में पेंशन पर साल 2019-20 में 5 हजार 490 करोड़ 2020-21 में 7 हजार 82 करोड़ और साल 2021-22 में 292 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. पिछले पांच सालों में देश भर राज्यों में भी पेंशन बोझ में 48 फ़ीसदी की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है.


कांग्रेस सरकार कैसे पूरी करेगी गारंटियां?
हिमाचल कांग्रेस ने अपनी 10 गारंटियों में महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा हर बिजली उपभोक्ता घरेलू बिजली उपभोक्ता को 300 तक मुफ्त बिजली का भी एलान किया गया है.


इन दोनों गारंटियों को पूरा करने में भी सरकार को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बीजेपी सरकार ने भी 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त की थी. इस वजह से भी बिजली बोर्ड को बड़ा नुकसान हुआ. अब बिजली 300 मिनट तक मुफ्त हो जाने पर बिजली बोर्ड का नुकसान और ज्यादा बढ़ेगा.


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