Himachal Pradesh News: विश्व भर में शिमला की पहचान इसकी खूबसूरती के लिए है. यहां खूबसूरत पहाड़ों का दीदार करने के लिए सैलानी दूर-दूर से पहुंचते हैं. शिमला शहर घूमने के लिए आने वाले सैलानियों के हाथ उस वक्त निराशा लगती है, जब वे बाजार में बिजली की बड़ी-बड़ी तारों का जंजाल देखते हैं. यह बिजली की तारों का जंजाल स्थानीय लोगों के लिए भी लंबे वक्त से खतरा बना हुआ है. यह न सिर्फ शिमला की खूबसूरती को खराब करता है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक है. बिजली की इन तारों से खतरा बारिश और बर्फबारी के दौरान कई गुना बढ़ जाता है.


शिमला के स्थानीय लोगों को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजट रखा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी घोषणा साल 2024-25 के बजट के दौरान भी की थी. राज्य सरकार की ओर से इस बजट की पहली किस्त जारी कर दी गई है. नगर निगम शिमला के सहयोग से यह काम लोक निर्माण विभाग पूरा करेगा. तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए डक्ट बनाए जाएंगे. शिमला के सीटीओ चौक से लेकर छोटा शिमला तक तारों को अंडरग्राउंड करने का काम किया जाना है.


शिमला के लोगों की समस्या का समाधान प्राथमिकता- सुरेंद्र चौहान


शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इसकी पहली किस्त जारी की जा चुकी है. इससे शिमला के लोगों की परेशानी का काफी हद तक समाधान हो जाएगा. कांग्रेस ने नगर निगम शिमला के चुनाव से पहले भी जनता से तारों को अंडरग्राउंड करने का वादा किया था. नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों उन निजी कंपनियों के साथ भी बात की थी, जो घर पर इंटरनेट की सुविधा दे रहे हैं. ऐसी निजी कंपनियों की ब्रॉडबैंड की तारें भी बिजली के खंभों में लटक रही हैं.


सुरेंद्र चौहान ने बताया कि इन तारों को भी खंभों से हटाने के लिए कहा गया है. सभी निजी कंपनी उन तारों को खंभों से हटा रही है, जो बेवजह लटकी हुई हैं. इससे शिमला की खूबसूरती भी खराब हो रही है. मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि निजी कंपनियों को कुछ वक्त दिया गया है. तय वक्त में इन तारों को हटाना जरूरी है.


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