Himachal News: शिमला पुलिस ने तोड़ी ड्रग माफियाओं की कमर, एक साल में करोड़ों की प्रॉपर्टी फ्रीज, 135 गाड़ियां सीज
Shimla: शिमला पुलिस ने एक साल में ही ड्रग्स से जुड़े 424 मामले दर्ज किए. इनमें 676 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए पुलिस लगातार ग्राउंड जीरो पर काम कर रही है.
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Shimla News: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में युवाओं के बीच लगातार बढ़ रहा ड्रग्स का प्रचलन चिंता का विषय है. पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा ड्रग्स का इस्तेमाल हो रहा है. शिमला (Shimla) भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए साल भर शिमला पुलिस लगातार कार्रवाई में लगी रही. इसका असर भी ग्राउंड जीरो पर नजर आया. बड़े स्तर पर ड्रग माफियाओं के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद शिमला में पहले आसानी से मिलने वाला ड्रग अब काफी हद तक गायब होता हुआ दिख रहा है.
शिमला पुलिस ने एक साल में ही ड्रग्स से जुड़े 424 मामले दर्ज किए. इनमें 676 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. खास बात यह है कि पूरे प्रदेश में ड्रग्स के खिलाफ हुई कार्रवाई में से 37 फीसदी कार्रवाई सिर्फ शिमला पुलिस ने ही की है. शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए शिमला पुलिस लगातार ग्राउंड जीरो पर काम कर रही है. अब तक पुलिस ने इन मामलों में 1.5 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी फ्रीज कर दी है. इसके अलावा इन मामलों में 135 गाड़ियों को भी सीज किया है.
ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ा नशे का प्रचलन
उन्होंने बताया कि इन मामलों में करीब दो करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज किए जाने के लिए कार्रवाई चल रही है. शुरुआत में कैमिकल नशे का ज्यादा प्रचलन शहरी इलाकों में ही नजर आ रहा था, लेकिन धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों तक यह नशा पहुंच गया. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी इसके तार सीधे तौर पर पाकिस्तान के साथ जुड़े होने की बात कही गई थी. पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने एक में स्वर में यह कहा कि इसके खिलाफ सख्त कानून लाए जाने की जरूरत है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ओर से केंद्र सरकार को भी इन कानून को और अधिक सख्त बनाने संबंधी प्रस्ताव पारित कर भेजा गया है.
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