सुक्खू सरकार गिराने के 'षड्यंत्र' के मामले में 3 पूर्व विधायकों से पुलिस की पूछताछ, क्या है पूरा केस?
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को गिराने के कथित षड्यंत्र के मामले में थाना बालूगंज में पूछताछ के लिए तीन पूर्व विधायक पहुंचे. थाने में इनसे पूछताछ जा रही है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के थाना बालूगंज में तीन पूर्व विधायक पूछताछ के लिए पहुंचे. यह मामला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की कथित षड्यंत्र से जुड़ा हुआ है. इस संबंध में कांग्रेस की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है. पुलिस एक-एक कर मामले से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर रही है. इसी कड़ी में तीन पूर्व विधायकों को पूछताछ के लिए थाने में तलब किया गया. इनमें सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, नालागढ़ से पूर्व विधायक कृष्ण लाल ठाकुर और कुटलैहड़ से पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो थाने में जवाब देने के लिए पहुंचे.
राजेंद्र राणा का CM सुक्खू पर निशाना
पूछताछ के लिए थाने में जाने से पहले राजेंद्र राणा मीडिया से मुखातिब हुए. यहां उन्होंने कहा कि उनके जीवन में आज तक उन पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. अब उन पर यह गलत मामला दर्ज किया गया है. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री को झूठ बोलने के लिए स्वर्ण पदक देना चाहिए या तो केंद्र सरकार या फिर कांग्रेस नेतृत्व तो उन्हें स्वर्ण पदक दे. सुखविंदर सिंह सुक्खू इतिहास में सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री हैं.''
उन्होंने कहा कि जब भी वह चंडीगढ़ प्रवास पर जाते हैं, तो हिमाचल भवन की जगह पांच सितारा होटल में रुकते हैं. उन्होंने सवाल खड़े किए कि जब भी यहां वे पांच सितारा होटल में रुकते हैं, तो उसकी पेमेंट कौन करता है. राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि सरकार एक तरफ आर्थिक बदहाली का रोना रोती है और दूसरी तरफ अपनी चहेतों को कैबिनेट रैंक बांटती है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि इससे पहले शिमला पुलिस विधायक आशीष शर्मा से भी कई बार पूछताछ कर चुकी है. इसी मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता से पूछताछ की गई थी. इन दोनों पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार को अस्थिर करने का आरोप है. हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
गौरतलब है कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को बालूगंज थाना में भारतीय दंड संहिता 171 E और 171 C, 120 B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज करवाया है.
क्रॉस वोटिंग के बाद बड़े-बड़े होटलों में ठहरे थे नेता
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के पूर्व छह बागी सहित तीन पूर्व निर्दलीय विधायक भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रदेश में आए और गए. यह सभी बागी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे. इसके बाद ऋषिकेश गए. ऋषिकेश से गुरुग्राम पहुंचे.
पुलिस को एक फार्मा कंपनी द्वारा इनके होटलों के बिलों के भुगतान का पता चला है और कंपनी को भी कोर्ट से समन भेजा जा रहा है, जबकि हेलीकॉप्टर के खर्च और देहरादून में होटलों के बिलों की अदायगी के मामले में पुलिस ने अब सर्च वारंट हासिल कर लिया है. शिमला पुलिस इस मामले में टूरिज्म से जुड़े एक व्यापारी से भी पूछताछ कर चुकी है. जानकारी है कि ऋषिकेश होटल में रुकने पर यहां 30 लख रुपए का बिल आया था, जिसका भुगतान उत्तराखंड से एक बड़े भाजपा नेता ने किया था.
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