Himachal: दो युवाओं की मौत के बाद जगी शिमला पुलिस, अब नदी-नालों के किनारे होगी रेस्क्यू रेंजर्स की तैनाती
पब्बर नदी में डूबने से दो युवाओं की मौत हुई. इसके बाद शिमला पुलिस अब नदी किनारे रेस्क्यू रेंजर्स तैनात करने की नीति तैयार की है. यह रेस्क्यू रेंजर्स लोगों को नदी नालों के करीब जाने से रोकेंगे.
Rescue Rangers Shimla: हिमाचल प्रदेश में मानसून जमकर तबाही मचा रहा है. मानसून में हो रही बारिश की वजह से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. बीते दो दिनों में शिमला की पब्बर नदी में डूबने से दो लड़कों की मौत हो गई. इन दो मौतों के बाद नदी-नालों के किनारे में सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए. इस बीच अब शिमला पुलिस ने इन दो मौतों से सबक लिया है. शिमला पुलिस ने अब नदी और नालों के किनारे दुर्घटना को रोकने के लिए रेस्क्यू रेंजर्स नियुक्त करने का फैसला लिया है.
नदी-नालों के किनारे तैनात होंगे रेस्क्यू रेंजर्स
शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि बीते दो दिनों में पेश आया. हादसे में दो युवाओं की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि बरसात के वक्त नदियों का बहाव तेज होता है और जलस्तर भी बढ़ा रहता है. ऐसे में युवा पानी की ओर आकर्षित होते हैं और अपनी जान गवा बैठते हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ों की नदियों पर अचानक से ही जल स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में एक्सपर्ट लोग भी खुद को संभाल नहीं पाते. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए शिमला पुलिस ब्लैक स्पॉट पर रेस्क्यू रेंजर्स की तरह ही करेगी. यह रेंजर्स आम लोगों को नदी-नालों के करीब जाने से रोकेंगे. शिमला पुलिस की ओर से इस टीम में पुलिस कॉन्स्टेबल और होमगार्ड की तैनाती की जाएगी.
चेतावनी बोर्ड भी लगाएगा प्रशासन
इसके अलावा प्रशासन की ओर से इन जगहों पर चेतावनी के बोर्ड भी लगाए जाएंगे, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को खतरे की जानकारी मिल सके. जिला प्रशासन ने लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की है. बरसात के मौसम में नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है और जलस्तर बढ़ने से कई लोगों को जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में नदी-नालों के करीब जाना खतरे से खाली नहीं है. यही वजह है कि प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है.
कई लोगों की जा चुकी है जान
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 24 जून से मानसून शुरू हुआ है. जहां ज्यादा बारिश हुई, वहां बहुत नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश सरकार का अनुमानित नुकसान 104 करोड़ रुपये है. मानसून की शुरुआत के बाद अब तक 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. बारिश के बाद हुई घटनाओं से 14 लोग घायल हैं और 322 पशुधन का नुकसान हुआ है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने दो जुलाई तक प्रदेश भर में मौसम खराब रहने का अनुमान जताया है. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश से और अधिक नुकसान की संभावना है. इस बीच लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की गई है.