Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद के विरोध में दिनभर प्रदर्शन होता रहा. हजारों की संख्या में लोगों ने जुटकर अवैध निर्माण को गिराने की मांग उठाई. साथ ही हिमाचल में बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की वेरिफिकेशन प्रभावी ढंग से करने की मांग रखी. अब हिंदू संगठनों की ओर से दो दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. वह इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं.


कसुम्पटी में भी अवैध तरीके से मस्जिद बनाने का आरोप


संजौली का असर शिमला के कसुम्पटी इलाके में भी नजर आया. यहां भी लोगों ने जुटकर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां अवैध तरीके से मस्जिद बनाई जा रही है. भारतीय जनता पार्टी की पार्षद रचना शर्मा और पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा की अध्यक्षता में यहां लोग इकट्ठे हुए और गलत तरीके से मस्जिद बनाने के आरोप लगाए गए. लोगों ने यहां एकत्रित होकर हनुमान चालीसा का भी पाठ किया. इस दौरान यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात नजर आया.


कच्चे ढारे में हो रहा अवैध निर्माण 


कसुम्पटी की पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि यहां एक कच्चे ढारे में अवैध रूप से मस्जिद बनाई गई है. बाहर यहां कुछ नजर नहीं आता, लेकिन अंदर इसमें निर्माण चल रहा है. लोगों ने इस मामले में पहले भी आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि संबंध में उन्होंने स्थानीय प्रशासन से बात की है. स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए दो दिनों का वक्त मांगा है. इसके बाद में स्थिति स्पष्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए आते हैं, जबकि यह मस्जिद नहीं है.


पहले से ही बनी एक मस्जिद- पूर्व डिप्टी मेयर 


वहीं नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि छोटा शिमला वॉर्ड के अंतिम छोर पर अवैध रूप से मस्जिद चल रही है. बीते चार सालों से यहां गतिविधियां बढ़ गयी हैं. उन्होंने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड ने सदीक मोहमद की पत्नी मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दे दिया था, लेकिन उनके बच्चों ने इससे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया. इसके बाद से यहां बाहर के लोगों की संख्या बढ़ना शुरू हो गयी है. उन्होंने कहा कि यह प्रॉपर्टी बाहर से ऐसी लग रही है, लेकिन इसमें अंदर ही अंदर ही कंस्ट्रक्शन का कार्य चला हुआ है.


पूर्व डिप्टी में राकेश शर्मा ने कहा कि यहां एक किलोमीटर की दूरी पर पहले से ही एक मस्जिद है. ऐसे में यहां गलत तरीके से मस्जिद बनाने की आवश्यकता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी लोग सौहार्दपूर्ण माहौल में रहना चाहते हैं.


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