शिमला में बड़ी संख्या में लोगों ने किया मस्जिद का घेराव, भजन कीर्तन कर की कथित अवैध निर्माण तोड़ने की मांग
Shimla News: कांग्रेस के एक पार्षद की अगुवाई में लोगों ने शिमला में समुदाय विशेष के धर्म स्थल को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने की मांग की. इस दौरान काफी देर तक मौके पर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा.
Shimla News Today: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली उपनगर में 500 से ज्यादा लोगों ने मिलकर मस्जिद का घेराव कर दिया. यह सभी लोग कथित तौर पर अवैध निर्माण को तोड़वाने की मांग को लेकर एकत्रित हुए थे.
इसके बाद समुदाय विशेष के लोगों इकट्ठे होकर पहले संजौली बाजार में विरोध मार्च किया और इसके बाद सभी मस्जिद के बाहर इकट्ठे हो गए. इस दौरान काफी देर तक मस्जिद के बाहर प्रदर्शन चलता रहा. मौके पर एडीएम ज्योति राणा और एएसपी रतन नेगी ने पहुंचकर मोर्चा संभाला.
मौके पर पहुंचे लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. विरोध प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारी भजन कीर्तन करते हुए दिखाई पड़े. सभी प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि मौके पर शिमला के संजीव कुमार गांधी और नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री पहुंचे.
शिमला में माहौल उस समय गरमा गया, जब लोगों ने मस्जिद का घेराव कर दिया. लोग यहां अवैध निर्माण को करवाने की मांग को लेकर एकत्रित हुए. अवैध निर्माण के मामले में तब तूल पकड़ा, जब मल्याणा में हिंदू और मुसलमान समुदाय के बीच लड़ाई हुई. गौर हो कि अवैध निर्माण का मामला कोर्ट में चल रहा है. pic.twitter.com/TCabCa5WDU
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) September 1, 2024
प्रदर्शनकारियों ने की ये मांग
दरअसल, कथित अवैध निर्माण तोड़वाने के मामले ने उस समय तूल पकड़ा, जब शुक्रवार शाम मल्याणा में हिंदू और मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों के बीच लड़ाई हो गई. आरोप है कि समुदाय विशेष के एक व्यक्ति ने स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह को मारा, जिससे उसके सिर पर 14 टांके लगे.
स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी के खिलाफ अटेम्प्ट टू मर्डर की धारा के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. संजौली और इसके आसपास के इलाके के लोगों यहां बदलती डेमोग्राफी का दावा किया. उनका दावा है कि शहर में अचानक बाहरी राज्यों के लोगों की संख्या बढ़ गई है.
इसकी वजह से यहां आए दिन और असामाजिक तत्वों से लोग परेशान हैं. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के चंबा और नाहन में भी ऐसे ही घटनाएं हुई, जिसकी वजह से इलाके के लोगों में आपसी सौहार्द खराब हुआ.
प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की
रविवार (1 सितंबर) को दोपहर करीब सवा तीन बजे मौके पर तीन अधिकारी पहुंचे और लोगों को समझने की कोशिश की. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने लोगों की परेशानी सुनी और उन्हें कानून-व्यवस्था से किसी तरह की छेड़छाड़ न होने देने का आश्वासन दिया.
एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि "वह यहां किसी भी सामाजिक तत्व को नहीं पनपने देंगे और कानून पूरी तत्परता के साथ अपना काम करेगा. उन्होंने कहा कि मारपीट के मामले में अटेंप्ट टू मर्डर की धारा के तहत ही मामला दर्ज किया जाएगा. मामले की जांच एएसपी रतन नेगी करेंगे. "
इसी तरह शिमला की उपायुक्त अनुपम कश्यप ने भी लोगों की परेशानी सुनी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मौके पर सभी प्रदर्शनकारी नगर निगम शिमला की आयुक्त को सुनना चाहते थे, क्योंकि अवैध निर्माण से जुड़ा मामला नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है.
'अवैध रुप से तैयार की गई ऊपरी मंजिल'
नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि "यहां सिर्फ एक ही मंजिल बनाने की अनुमति दी गई थी. अन्य तीन मंजिलों को अवैध रूप से बनाया गया है. अवैध निर्माण का केस कोर्ट में भी चल रहा है. पहले इस मामले में एक ही व्यक्ति पार्टी था, लेकिन अब वक्फ बोर्ड को इस मामले में पार्टी बनाया गया है. इस जमीन का मलिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास ही है."
भूपेंद्र अत्री ने कहा कि "मामला शनिवार को सुना जाना है." उन्होंने कहा कि "पूरे मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी. अत्री ने कहा कि जब से मामला कोर्ट में है, तब से यहां कोई नया निर्माण नहीं हुआ है. "उन्होंने कहा कि "तीन महीने पहले यहां एक शौचालय बनाया गया था, जिसे नोटिस देकर नगर निगम शिमला ने 24 घंटे में ही तोड़ दिया."
कांग्रेस पार्षद की अगुवाई में पहुंचे थे लोग
इसके बाद भी मौके पर मौजूद लोग एक दिन में ही अवैध निर्माण तोड़ने की मांग पर अड़े रहे. काफी देर तक इस पर बहस होती रही. आखिर में सहमति बनी कि कानून के मुताबिक इस पूरे मामले में कार्रवाई होगी.
भट्टाकुफ्फर से कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर नीटू की अध्यक्षता में यहां पहुंचे इलाके के लोगों ने कहा कि अगर वह 10 दिन तक इस मामले से संतुष्ट नहीं हुए, तो दोबारा इसी तरह मस्जिद का घेराव कर देंगे.
इलाके के लोगों का आरोप है कि जानबूझकर आसपास के लोगों को परेशान करने की कोशिश की जाती है. इस पर भी पुलिस को ध्यान देना चाहिए, अन्यथा आने वाले वक्त में आपसी सौहार्द बिगड़ने से स्थिति गंभीर हो सकती है.
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