Himachal Pradesh News: शिमला के रामकृष्ण मिशन आश्रम में रविवार को दिन रात जमकर तोड़फोड़ हुई. यहां कुछ लोगों ने अवैध तरीके से घुसकर आश्रम को कब्जाने की कोशिश की. यह लोग खुद को हिमालयन ब्रह्मो समाज से जुड़ा हुआ बता रहे थे. मामले में इस घटना के बाद अब रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिन स्वामी तन्महीमानंद ने स्थिति स्पष्ट की है.
रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ की शिमला शाखा के सचिव स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि रामकृष्ण मिशन आश्रम और हिमालय ब्रह्मो समाज के बीच कोई विवाद नहीं है. जो लोग गलत तरीके से मंदिर में घुसे थे, वह भू-माफिया थे. वह खुद को गलत तरीके से हिमालयन ब्रह्मो समाज बताने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह सच नहीं है.
हिमालयन ब्रह्मो समाज के नाम का गलत इस्तेमाल
साल 2011 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में यह स्पष्ट किया था कि दूसरा खुद को ब्रह्मो समाज बता रहे यह लोग हिमालयन ब्रह्मो समाज का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. हिमालयन ब्रह्मो समाज की सह सचिव शैल पंडित ने कहा कि शिमला हिमालयन ब्रह्मो समाज किसी अन्य समाज के साथ नहीं जुड़ा हुआ है. यह पूर्ण रूप से स्वतंत्र है.
CM सुक्खू ने नहीं उठाया फोन- स्वामी तन्महीमानंद
रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि जब कुछ लोग रात के वक्त अवैध रूप से आश्रम में घुसे, तो उन्होंने इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी. उन्होंने खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को फोन किया. इसके अलावा उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को भी फोन किया. जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, तो उसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से फोन पर बात की और उन्हें सारी स्थिति के बारे में बताया. इसके बाद जयराम ठाकुर ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया.
आश्रम ने कब्जा करने घुस आए थे लोग
स्वामी तन्महीमानंद ने बताया कि जब 100 से 150 लोग आश्रम के अंदर आ गए थे. तब उन्होंने इसकी जानकारी आश्रम के भक्तों को दी और उन्हें मौके पर एकत्रित किया. स्वामी तन्महीमानंद आरोप लगाए कि जिला शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने पूरे मामले में पक्षपाती कार्रवाई की है. पुलिस अधीक्षक ने उन लोगों को आश्रम से बाहर निकलने का काम किया, जो वहां पर कब्जा करने के लिए आए थे. उन्हें बिना किसी जांच और पूछताछ के बाहर निकाल दिया गया, जबकि उन्होंने ही आश्रम में तोड़फोड़ करने का काम शुरू किया था. स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि अब तक उनकी दी गई शिकायत पर FIR भी दर्ज नहीं की गई है. रामकृष्ण मिशन आश्रम में शिमला पुलिस अधीक्षक को पहले ही एक पत्र लिखकर ऐसी स्थिति के बारे में चेता दिया था. बावजूद इसके इस संबंध में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
पूजा के नाम कर कब्जे की थी कोशिश- स्वामी तन्महीमानंद
स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि असली हिमालयन ब्रह्मो समाज के ट्रस्टी और महासचिव ललित वर्मा उनके साथ हैं. जो लोग खुद को हिमालयन ब्रह्मो समाज बता रहे हैं वह गलत तरीके से नाम इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग श्रद्धालु बनकर आए थे, उनके साथ कुछ बाउंसर भी मौजूद थे. वह पूजा के नाम पर मंदिर में कब्जा करना चाहते थे.
हिमालयन ब्रह्मो समाज की सह सचिव शैल पंडित ने बताया कि यह एक स्वतंत्र संस्था हैं और साल 2014 में हिमालय ब्रह्मो समाज ने रामकृष्ण मिशन आश्रम को जमीन गिफ्ट डीड के रूप में दे दी थी. उनके पास इसके कागज भी हैं. साल 2007 में विशाल शर्मा ने ऐसे ही नाम से गलत तरीके से समानांतर फेक ट्रस्ट बनाया. साल 2011 में जो मामला हाईकोर्ट में पहुंचा, तो हिमालय ब्रह्मो समाज के नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई. अब यह कोर्ट की अवमानना का भी मामला है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में हाईपावर कमेटी की मीटिंग, नई करुणामूलक रोजगार नीति पर विचार