Mukhya Mantri Sukh Aashray Sahayata Kosh: शिमला के रहने वाले शशांक प्रज्वल गौतम की आज चारों ओर वाहवाही हो रही है. हो भी क्यों न, उन्होंने काम ही ऐसा किया है. दरअसल शशांक ने अपनी जमापूंजी के पैसे लोगों की भलाई के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय सहायता कोष (Mukhya Mantri Sukh Aashray Sahayata Kosh) में दान दिए हैं. शशांक प्रज्वल गौतम ने अपनी गुल्लक तोड़कर यह धन सहायता कोष में दिया है. शशांक गौतम पिछले तीन साल से इन पैसों को जमा कर रहे थे. जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने इस विशेष सहायता कोष की शुरुआत की तो शशांक ने सहायता कोष में दान करने का मन बनाया.


जनहित के लिए दान किए पैसे


शशांक प्रज्ज्वल गौतम की उम्र सिर्फ 15 साल है. वह सैंट एडवर्ड स्कूल में नौवीं क्लास में पढ़ते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस काम के लिए शशांक गौतम का आभार व्यक्त किया. शशांक गौतम का परिवार शिमला में रहता है और उनके पिता हिमाचल प्रदेश सरकार में अधिकारी हैं.


निराश्रित बच्चों की हो सकेगी मदद


शशांक प्रज्ज्वल गौतम ने कहा कि वह तीन साल से पैसों को इकट्ठा कर रहे थे. उन्होंने इस पैसे को अपनी पढ़ाई पर खर्च करने का विचार बनाया था, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने सुख आश्रय सहायता कोष की शुरुआत की तो उन्होंने सोचा कि निराश्रित बच्चों को यह पैसा दिया जाना चाहिए. उन्होंने अन्य बच्चों से भी अनुरोध किया कि वह भी आगे आकर सुख आश्रय सहायता कोष में दान कर मदद करें.


कोरोना काल में बच्चे को दिया था स्मार्टफोन


छोटी सी उम्र के शशांक हमेशा जनहित के काम में आगे रहते हैं, इससे पहले उन्होंने कोरोना काल के दौरान अपने गांव में एक बच्चे को अपना स्मार्टफोन दे दिया था, ताकि वह पढ़ सके. दरअसल कोरोना काल में ज्यादातर स्कूलों ने पढ़ाई ऑनलाइन कर दी थी, लेकिन उस बच्चे के पास स्मार्टफोन नहीं था, इसलिए शशांक ने उसे अपना स्मार्टफोन दे दिया.


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