Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर लंबे वक्त से कई ऐसी एंबुलेंस दौड़ती हुई नजर आ रही थीं, जिनके पास इमरजेंसी मरीज ही नहीं है. इस संबंध में आम लोग लगातार शिकायत भी कर रहे थे. 


ऐसी ही एक शिकायत के आधार पर शिमला के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO) अनिल शर्मा बुधवार (25 सितंबर) को औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए. शिमला के आरटीओ अनिल शर्मा ने रिज मैदान पर चल रही है एंबुलेंस की चेकिंग की. 


चेकिंग के दौरान रिज मैदान के रिज के सील्ड रोड पर ऐसी कई एंबुलेंस चलती हुई पाई गईं, जो नियमों का उल्लंघन कर रही थी. नियमों का उल्लंघन किए जाने पर आरटीओ ने इनका चालान कर दिया है.


इमरजेंसी में एंबुलेंस चलने की अनुमति
दरअसल, शिमला का रिज सील्ड रोड की श्रेणी में आता है. यहां सिर्फ इमरजेंसी के वक्त एंबुलेंस को चलने की अनुमति है. रिज मैदान पर सिर्फ ऐसी ही एंबुलेंस चलाई जा सकती हैं, जिसमें मरीज को इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाया जाना हो. 


लंबे वक्त से यहां मरीजों को वापस घर छोड़ने और सामान्य ओपीडी के लिए जा रहे मरीजों को भी एंबुलेंस के जरिए ले जाया जा रहा था, जबकि यहां नियमों के दायरे से बाहर है. 


सामान्य चेकअप के लिए जाने वाले मरीजों को आईजीएमसी पहुंचने के लिए सर्कुलर रोड का ही इस्तेमाल करना होता है. इन्हीं नियमों के उल्लंघन के चलते एंबुलेंस चालकों का चालान किया गया है.


नियमों के उल्लंघन पर होगा एक्शन
शिमला के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली थी. शिकायत के आधार पर उन्होंने कार्रवाई की है. कई एंबुलेंस बिना इमरजेंसी वाले मरीजों को लेकर अस्पताल की तरफ जा रही थीं. ऐसे एंबुलेंस चालकों के चालान किए गए हैं. 


आरटीओ ऑफिसर अनिल शर्मा ने बताया कि एंबुलेंस की फिटनेस के साथ अन्य कागज भी चेक किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार में यह चालान तीन हजार रुपये का है. शर्मा ने बताया कि दोबारा नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये तक का चालान किया जा सकता है. 


'सील्ड रोड है रिज- मालरोड' 
अनिल शर्मा के मुताबिक, अगर इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन किया गया, तो 25 हजार रुपये के चालान के साथ गाड़ी को इंपाउंड करने का भी प्रावधान है. उन्होंने कहा कि रिज और मालरोड सील्ड रोड की श्रेणी में आता है. 


रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर अनिल शर्मा ने बताया की रिज और मालरोड सील्ड रोड की श्रेणी आने की वजह से यहां पर सामान्य गाड़ियां आवाजाही नहीं कर सकती हैं. यहां पर एंबुलेंस के अलावा राष्ट्रपति और राज्यपाल की गाड़ी को ही चलने की अनुमति है.


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