Shimla News: विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन राज्य के रूप में है. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन कारोबार का 4.3 फीसदी हिस्सा है. हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन कारोबार पर ही निर्भर है. 7 जुलाई के बाद हिमाचल में भारी बारिश से हुई तबाही की वजह से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. हालात यह हैं कि बाजार में नाम मात्र पर्यटक नजर आ रहे हैं. शिमला में इन दिनों स्थानीय लोगों की चहल कदमी तो है, लेकिन चहल-पहल गायब है.
बोनी करने को भी तरस रहे दुकानदार
पर्यटकों की आमद घटने से पर्यटन कारोबारी बुरी तरह परेशान हैं. शिमला के रिज मैदान माल रोड, लोअर बाजार और लक्कड़ बाजार के दुकानदारों का काम पर्यटकों की आमद घटने से प्रभावित हुआ है. साल 2020 की शुरुआत में ही पहले कोरोना के दौरान पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ. अब पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा था, लेकिन तभी भारी बारिश से मची तबाही ने इस कारोबार को एक बार फिर डिरेल कर दिया. शिमला के लक्कड़ बाजार के दुकानदार दिनभर पर्यटकों का इंतजार करते रहते हैं. हालात ऐसे हो चले हैं कि कभी-कभी तो दुकानदारों की बोनी तक नहीं हो रही है.
दिन भर रहता है ग्राहकों का इंतजार
इसके अलावा पर्यटकों की आमद पर निर्भर घोड़ा संचालक और फोटोग्राफर भी दिन भर ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं. सुबह से शाम सिर्फ ग्राहकों के इंतजार में ही बीत जाती है. स्मार्टफोन ने तो पहले ही फोटोग्राफर के काम को प्रभावित किया है और अब बारिश के बाद मची तबाही ने इस काम को चौपट ही कर डाला है. घोड़ा संचालक तो घोड़े को खिलाई जाने वाली घास का खर्चा भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. मौसम विज्ञान शिमला की मानें, तो परेशानी 25 जुलाई तक मौसम खराब रहने का अनुमान है. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में अब भी बारिश हो रही है. बारिश की वजह से तबाही की तस्वीरें अभी सामने आ रही हैं. इसी वजह से पहाड़ों की रानी शिमला का पर्यटन कारोबार भी बुरी प्रभावित हुआ है. भले ही शिमला शहर में बारिश से ज्यादा तबाही न हुई हो, लेकिन यहां पर्यटन कारोबार तो चौपट हो ही चुका है. अब पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि आने वाले वक्त में जब मौसम साफ होगा, तो पटरी से उतर चुका पर्यटन कारोबार फिर पटरी पर लौट आएगा.
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