(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shimla News: शिमला के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का 28 सितंबर को होगा उद्घाटन, मिलेंगी ये सुविधाएं
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सभी सुपर-स्पेशियलिटी विभाग जैसे न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
Himachal Pradesh News: शिमला के बाहरी इलाके चम्याना (Chamyana) में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (super-speciality hospital0 का उद्घाटन बुधवार को होगा. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (Indira Gandhi Medical College) और अस्पताल के सभी सुपर-स्पेशियलिटी विभाग जैसे न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी को नए अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
अब आईजीएमसी में होगी कम भीड़
वहीं स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल का उद्घाटन पिछले साल होना था लेकिन कोविड महामारी ने समय सीमा को आगे बढ़ा दिया. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को आईजीएमसी से स्थानांतरित करने से परिसर में भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी दबाव कम होगा. सुपर स्पेशियलिटी विभागों की जरूरतों को पूरा करने के लिए IGMC के पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है.
एचकेएस अध्यक्ष ने कहा
अस्पताल के सुचारू रूप से काम करने में कुछ समय लगेगा. हिमाचल किसान सभा पहले से ही आरोप लगा रही है कि आगामी चुनाव को देखते हुए बिना जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए अस्पताल का उद्घाटन जल्दबाजी में किया जा रहा है. वहीं एचकेएस के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इस अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा और उन्हें चौबीसों घंटे निगरानी की आवश्यकता होगी लेकिन अभी हॉस्पिटल में मेडिकल कर्मचारियों के लिए कोई आवासीय सुविधा नहीं है. साथ ही अस्पताल पहुंचने के लिए रास्ता भी पर्याप्त चौड़ा नहीं है और ब्लड बैंक के लिए जगह भी दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं है.
डॉक्टर्स को चढ़ा सियासी बुखार
वहीं बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में डॉक्टर्स को सियासी बुखार चढ़ रहा है. हाल ही में पंजाब चुनाव में रिकॉर्ड 12 MBBS डॉक्टर्स विधानसभा पहुंचे थे. अब इसी तर्ज पर उसके पड़ोसी राज्य हिमाचल के डॉक्टर्स भी सियासी नब्ज टटोलने में लगे हैं. भले इस पहाड़ी राज्य में चुनाव होने में अभी कुछ महीने बाकी हों, लेकिन दो वरिष्ठ डॉक्टरों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है, जबकि एक अन्य पद छोड़ने की कगार पर है. सभी की निगाहें अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से टिकट पर टिकी हैं.