Himachal News: देशभर में हिमाचल प्रदेश की पहचान फार्मा हब (Pharma Hub) के रूप में है. फार्मा के साथ अब हिमाचल स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर रहा है. पिछले कुछ सालों में हिमाचल प्रदेश में कई अन्य मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं. बिलासपुर (Bilaspur) में एम्स (AIIMS) की भी शुरुआत हो चुकी है. प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (Indira Gandhi Medical College) भी इस दौड़ में पीछे नहीं है.
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 265 करोड़ रुपए का खर्च
आईजीएमसी का इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक शिमला (Shimla) के चमियाना में बनकर तैयार हो गया है. इस अस्पताल के पहले फेस का निर्माण पूरा हो चुका है. इसमें करीब 265 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. यह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक (Super Specialty Block) हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह का एक अलग संस्थान है. यहां गंभीर रूप से पीड़ित लोगों का उपचार हो सकेगा. अस्पताल के निर्माण की जिम्मेदारी हॉस्पिटल सर्विसेज कंसलटेंसी कॉरपोरेशन के पास है. इस कॉरपोरेशन ही पूरे अस्पताल के निर्माण का खाका तैयार किया है. इस ब्लॉक के निर्माण कार्य का टेंडर सैम इंडिया बिल्टवैल नाम की कंपनी को दिया है.
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को सड़क का इंतजार
इस सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक का उद्घाटन 28 सितंबर 2022 को तत्कालीन बीजेपी (BJP) सरकार के दौरान कर दिया गया था. उद्घाटन समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल मौजूद थे. इस स्कूल सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक तक पहुंचने के लिए सड़क अब तक नहीं बन सकी है. कंपनी ने कंस्ट्रक्शन का सामान यहां तक पहुंचाने के लिए एक कच्ची सड़क तैयार किया है. जब तक यह सड़क नहीं बनती, तब तक यह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक शुरू नहीं हो सकेगा. यहां सड़क का काम शुरू करवाने के लिए एफसीए की परमिशन का इंतजार किया जा रहा है.
एडवांस सुविधाओं से लैस है सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक
हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि इस अस्पताल में 350 बैड लगे हैं. इनमें 56 बेड आईसीयू के हैं. इस ब्लॉक में नौ मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, दो माइनर ऑपरेशन थिएटर, पैथ लैब और अपनी तरह की पहली एडवांस सीटी स्कैन मशीन लगी है. इस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का दूसरे चरण का काम भी शुरू हो गया है. इसमें एडवांस डायग्नोस्टिक फैसिलिटी इसके साथ क्रिटिकल केयर यूनिट (Critical Care Unit) भी होगा.
अब तक नहीं मिली है एफसीएस क्लीयरेंस
इस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के लिए सड़क के लिए एफसीए क्लीयरेंस नहीं मिल सकी है. फेस वन के लिए एफसीए क्लीयरेंस (FCA Clearance) मिल गई है. फेस टू के लिए भी क्लीयरेंस मिलने के बाद यहां सड़क का काम शुरू हो. सरकार ने सड़क की परमिशन के लिए प्रस्ताव तैयार कर एफआरआई भेजा है. उम्मीद है कि आने वाले दो से तीन महीने में यह अस्पताल सुचारू रूप से चलना शुरू हो जाए.
सड़क का इंतजार कर रहे आम लोग
इस अस्पताल के शुरू होने से खास तौर पर ऊपरी हिमाचल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी. फिलहाल यहां जरूरत है अस्पताल के लिए एक बेहतर सड़क की ताकि समय पर यह अस्पताल शुरू हो सके और सरकार को ओर से खर्च किए गए धन का सही इस्तेमाल हो सके. सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के लिए सड़क का काम पूरा न होने तक यह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक केवल एक आलीशान महल भर ही है.
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