Shimla: इस इमारत के लिए 1860 में वायसराय को चुकाने पड़े थे 2825 रुपये, जानें अब किस काम में आ रही ये ऐतिहासिक बिल्डिंग
Shimla: शिमला से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर मशोबरा में ऐतिहासिक दि रिट्रीट की इमारत है. यह इमारत साल 1850 में बनी थी. मौजूदा वक्त में इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति निवास के तौर पर हो रहा है.
The Retreat Mashobra: ऐतिहासिक इमारत की खासियत होती है कि हर गुजरते दिन के साथ इसकी अहमियत बढ़ती ही चली जाती है. राजधानी शिमला से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर मशोबरा में 'दि रिट्रीट' की ऐतिहासिक इमारत है. इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण साल 1850 में कोटि के राजा ने करवाया था. मौजूदा वक्त में इस ऐतिहासिक इमारत का इस्तेमाल राष्ट्रपति निवास के तौर पर होता है. देश भर में केवल चार ही राष्ट्रपति निवास हैं और इनमें एक शिमला में स्थित है.
देश में दिल्ली, हैदराबाद, शिमला और देहरादून में राष्ट्रपति निवास हैं. इन दिनों इस ऐतिहासिक इमारत को आम लोगों के लिए भी खोला गया है. आम जनता सिर्फ 50 रुपये की मामूली टिकट खरीदकर इस ऐतिहासिक इमारत का दीदार कर सकती है. देश के राष्ट्रपति गर्मियों के वक्त इस निवास में रहने आते हैं.
साल 1860 में वायसराय को चुकाने पड़े थे 2 हजार 825 रुपये
साल 1860 में कोटि के राजा ने इस इमारत का निर्माण करवाया था. उस वक्त सिर्फ यहां एक ही मंजिल थी. साल 1860 में एम.सी. कमिश्नर लॉर्ड विलियम ने कोटि के राजा से इस इमारत को लीज पर लिया. उस वक्त उन्होंने इस भवन को लीज पर लेने के लिए 2 हजार 825 रुपये की भारी-भरकम राशि चुकाई थी. साल 1890 में चल कर इस इमारत में दो मंजिल बनवाई गई. यह ऐतिहासिक इमारत 10 हजार 628 वर्ग फीट में फैली है.
आजादी से पहले इस ऐतिहासिक इमारत में वायसराय रहा करते थे. वे ऑब्जर्वेटरी हिल पर बने वायसराय लॉज की इमारत से वीकेंड पर यहां आया करते थे. वायसराय लॉज की इस इमारत को आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के नाम से जाना जाता है, जो साल 1888 में बनकर तैयार हुई थी.
अब तक 18 हजार लोगों ने किया इमारत का दीदार
इसी साल 23 अप्रैल से इस ऐतिहासिक इमारत को आम जनता के दीदार के लिए खोला गया है. तब से लेकर अब तक करीब 18 हजार लोग इस ऐतिहासिक इमारत का दीदार कर चुके हैं. राष्ट्रपति निवास में ऐतिहासिक महत्व की चीजों को संजो कर रखा गया है. राष्ट्रपति निवास की मेंटेनेंस केंद्रीय लोक निर्माण विभाग- CPWD के पास है. मशोबरा स्थित राष्ट्रपति निवास में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक की तस्वीर लगाई गई हैं. यहां आने वाले लोग देश के पूर्व राष्ट्रपति से जुड़ी स्मृतियों के साथ उनसे जुड़ी खास चीजों का भी दीदार कर सकते हैं.
यह भी हैं यहां की विशेषता
राष्ट्रपति निवास दि रिट्रीट के ठीक सामने एक गार्डन है. इस गार्डन में ट्यूलिप लगाए गए हैं. यहां डेनमार्क, लैपटॉप और येलो ट्यूलिप लगे हुए हैं. इसके अलावा यहां कॉपर ब्रीच के दो पेड़ हैं, जो हर 25 दिन बाद अपना रंग बदल लेते हैं. इसी तरह का एक अन्य पेड़ चायल पैलेस और होटल वाइल्ड फ्लावर में भी है. राष्ट्रपति निवास के परिसर में ही तीन कुएं भी हैं, जिससे यहां पौधों को पानी भी दिया जाता है. इसी गार्डन में सन डायल भी है जिससे पहले टाइम का पता किया जाता था. समय पता करने के लिए इस घड़ी में एक फार्मूला भी दिया गया है. इससे कोई भी आसानी से इसका पता लगा सकता है.