हिमाचल बंद की अपील मानने से शिमला व्यापार मंडल का इनकार, क्या शनिवार को खुले रहेंगे बाजार?
Himachal News: शिमला के व्यापारियों ने हिमाचल बंद के आह्वान को मानने से इनकार कर दिया है. व्यापार मंडल उपाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि इस संबंध में उनसे किसी ने कोई बात नहीं की है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में हिंदू संघर्ष समिति और देवभूमि संघर्ष समिति ने 'हिमाचल बंद' का आह्वान किया है. हिंदू संगठन के नेता कमल गौतम ने भी सभी व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वह दोपहर 1:30 तक अपनी दुकान बंद रखें.
यह विरोध शिमला के संजौली में पुलिस के लाठी चार्ज और वॉटर कैनन के इस्तेमाल के खिलाफ होगा. राज्य में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी गई है. इस बीच हिमाचल प्रदेश बंद के आह्वान को शिमला व्यापार मंडल ने मानने से इनकार कर दिया है. हालांकि जिला मंडी में दो घंटे तक बाजार बंद करने की सहमति बनी है.
शिमला के सभी बाजार खुले रहेंगे- अग्रवाल
शिमला व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष राज कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में उनके साथ किसी की कोई बात नहीं हुई है. ऐसे में शिमला के सभी बाजार खुले रहेंगे. शिमला में जो भी बाजार शिमला व्यापार मंडल के तहत आते हैं, वह सामान्य तौर पर रोज की तरह खुले रहेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुवार को ही शिमला व्यापार मंडल ने संजौली में हुई घटना के विरुद्ध रोष रैली निकाली थी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल कर हिमाचल बंद की कॉल दी गई है, लेकिन शिमला व्यापार मंडल के तहत आने वाले बाजार खुले रहेंगे.
11 सितंबर को क्या हुआ था?
बता दें कि 11 सितंबर को सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी संजौली में जुटे. जिला शिमला प्रशासन ने यहां धारा- 163 लागू की हुई थी. इसके मुताबिक यहां पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी. बावजूद इसके बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और ढली टनल से बैरिगेडिंग तोड़ते हुए प्रदर्शनकारी तेजी से संजौली की ओर आए. यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया और वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया.
इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस कर्मचारियों के ऊपर पथराव किया. स्थिति कई देर तक तनावपूर्ण बनी रही. शाम होते-होते आंदोलन पर धरना प्रदर्शन खत्म हो सका. गुरुवार को ही मस्जिद कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिला और उस हिस्से को हटाने की अनुमति मांगी, जिसे आवाज बताया जा रहा है.
ये भी पढ़ें-