Himachal: हिमाचल में भीषण गर्मी से सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोत, शिमला में गहरा रहा जल संकट
Shimla Natural Water Source: शिमला भीषण गर्मी की चपेट में है. लंबे वक्त से बारिश न होने के चलते प्राकृतिक जल स्रोत भी सूख रहे हैं. शिमला में लोगों को तीन दिन बाद पानी की सप्लाई मिल रही है.
Water Crisis In Shimla: इन दिनों देश के ज्यादातर हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं. लगातार पड़ रही गर्मी की वजह से कई जगह पेयजल संकट भी पैदा हो गया है. जहां एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली का जल संकट चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल की राजधानी शिमला में भी धीरे-धीरे जल संकट गहराने लगा है. शिमला के ज्यादातर इलाकों में तीन दिन बाद पानी की सप्लाई मिल रही है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पीने के पानी की सप्लाई की ज्यादा समस्या शहर के आउटर एरिया में देखी जा रही है.
छोटे से शहर शिमला में जनसंख्या का घनत्व भी तेजी से बढ़ा है. इसके अलावा यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. अमूमन शिमला की जनता की प्यास बुझाने के लिए 40 एमएलडी पानी की जरूरत होती है, लेकिन प्राकृतिक स्रोतों के सूखने की वजह से शिमला को कम पानी मिल रहा है. शुक्रवार को शिमला में 33 एमएलडी ही पानी आया. इसकी वजह से हर घर तक पानी पहुंचाने में शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर के ज्यादातर इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई दी जा रही है.
टैंकर से भी पहुंचाया जा रहा पानी
शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि लंबे वक्त से बारिश न होने की वजह से प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं. शिमला में अपनी प्राकृतिक जल स्रोतों से ही लिफ्ट किया जाता है. ऐसे में बारिश न होने की वजह से परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में पानी नहीं आ रहा, वहां नगर निगम शिमला वॉटर टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध करवा रहा है. मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि फिलहाल नगर निगम शिमला बारिश का भी इंतजार कर रहा है. पानी का लेवल कम होने की वजह से भी सप्लाई में परेशानी होती है. बारिश होने से शहर में स्थिति सामान्य हो जाएगी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि गर्मी के इस मौसम में पानी का किफायत से इस्तेमाल करें. उन्होंने लोगों से सहयोग की भी अपील की है.
शिमला को मिल रहा है कम पानी
गौर हो कि शिमला शहर की जनता को पानी उपलब्ध करवाने के लिए छह अलग-अलग जल परियोजनाओं से पानी की सप्लाई होती है. इसमें सबसे बड़ी योजना गुम्मा जल परियोजना है. गुम्मा के अलावा गिरि, चुरट, चैरह, और कोटी ब्रांडी से शिमला शहर तक पानी पहुंचाया जाता है. शुक्रवार को गुम्मा से 19.94, गिरि से 10.54, चुरट से 1.52, सेओग 0.00, चैरह 0.49 और कोटी ब्रांडी 0.74 एमएलडी पानी मिला.
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