Shinkula Tunnel: शिंकुला टनल के लिए 1700 करोड़ रुपये जारी, BRO करेगा सबसे अधिक ऊंचाई पर निर्माण
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर बनने वाली शिंकुला टनल का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा करेगा. चीन के साथ सामरिक दृष्टि से इस टनल का निर्माण भारत के लिए बहुत महत्वूर्ण साबित होगा.
Shimla: दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर बनने वाली शिंकुला टनल के लिए 1 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि जारी हो चुकी है. यह राशि भारत सरकार ने जारी की है. समुद्र तल से 16 हजार 580 फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर टनल का निर्माण होगा. इस टनल की लंबाई 4.1 किलोमीटर होगी. यह टनल सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इस टनल के जरिए पाकिस्तान और चीन सीमा तक भारतीय जवानों की पहुंच आसान हो जाएगी.
सात 2025 तक पूरा होगा टनल का निर्माण
शिंकुला टनल का निर्माण साल 2025 तक पूरा होगा. यह टनल जंस्कार घाटी की अर्थव्यवस्था को बदलने का भी काम करेगी. मौजूदा वक्त में लेह रोड पर मनाली से दारचा तक 101 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है. इसके बाद दारचा से शिंकुला दर्रे की ओर मुड़ कर जंस्कार घाटी में प्रवेश किया जाता है. टनल बनने के बाद यह सफर खत्म हो जाएगा. सुरंग का दक्षिणी पोर्टल शिंकुला और उत्तरी पोर्टल लखंग में होगा. बीआरओ इस शिंकुला टनल को रिकॉर्ड समय में बनाने की तैयारी कर रहा है.
12 महीने जुड़ा रहेगा संपर्क
इस टनल के निर्माण के बाद दुश्मन देश की सेना को भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी नहीं मिल सकेगी. भारतीय जवान आसानी से आवाजाही कर सकेंगे. मौजूदा वक्त में बर्फबारी के दौरान यह इलाका समूचे विश्व से कट जाता है. टनल बनने के बाद यह इलाका पूरे 12 महीने विश्व के साथ जुड़ा रहेगा.
पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित होगा इलाका
सामरिक दृष्टि से तो यह टनल महत्वपूर्ण है ही, लेकिन इस टनल के बन जाने के बाद यह इलाका पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित हो सकेगा. मौजूदा वक्त में सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण अटल टनल में भी हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को भी खासा फायदा हो रहा है. अटल टनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2020 में किया था. यह टनल घोड़े के नाल की आकार में बनी है और इसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है.
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