Himachal New Governor: शिव प्रताप शुक्ला आज लेंगे राज्यपाल की शपथ, ये काम करने वाले होंगे तीसरे गवर्नर!
शिव प्रताप शुक्ला आज हिमाचल प्रदेश के 22वें राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे. शुक्ला संस्कृत भाषा में शपथ लेंगे. इससे पहले विष्णु कांत शास्त्री और आचार्य देवव्रत भी संस्कृत भाषा में शपथ ले चुके हैं.
Himachal New Governor: हिमाचल प्रदेश के 22वें राज्यपाल के तौर पर शिव प्रताप शुक्ला पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह शिमला स्थित राजभवन में दोपहर दो बजे होगा. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. खास बात यह है कि शिव प्रताप शुक्ला संस्कृत भाषा में शपथ लेने वाले हैं. शुक्ला संस्कृत भाषा में शपथ लेंगे.
शिव प्रताप शुक्ला संस्कृत भाषा में लेने वाले तीसरे राज्यपाल होंगे. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के 13वें राज्यपाल विष्णु कांत शास्त्री और 18वें राज्यपाल आचार्य देवव्रत संस्कृत भाषा में शपथ ले चुके हैं. विष्णु कांत शास्त्री 2 दिसंबर 1999 से 23 दिसंबर 2000 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे. वहीं, आचार्य देवव्रत ने 12 अगस्त 2015 से 21 जुलाई 2019 तक राज्यपाल का कार्यभार संभाला.
हिमाचल की दूसरी राजभाषा है संस्कृत
हिमाचल प्रदेश के 22वें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला 18 फरवरी से आधिकारिक तौर पर राज्यपाल का कार्यभार संभालेंगे. गौरतलब है कि साल 2019 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने संस्कृत भाषा को दूसरी राजभाषा के तौर पर शामिल किया है.
साल 1968 में आरएसएस से जुड़े थे शुक्ला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत करने वाले शिव प्रताप शुक्ला मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उनका जन्म 1 अप्रैल 1952 को रुद्रपुर में हुआ था. उनकी शिक्षा दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर से पूरी हुई है. साल 1968 में शिव प्रताप शुक्ला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. सबसे पहले उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा.
साल 1989 में पहली बार बने विधायक
साल 1989 में पहली बार गोरखपुर विधान सभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक बने. साल 1991 में वे स्वतंत्र प्रभार मंत्री शिक्षा बने थे. साथ ही उन्हें समाज कल्याण, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा खेल मंत्रालय का भी दायित्व मिला था. साल 1996 में वह प्रदेश सरकार में कारागार मंत्री बने. साथ ही उन्हें न्याय और ग्राम विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी मिली. देश में लगी इमरजेंसी के दौरान उन्हें 26 जून, 1975 को जेल भी जाना पड़ा. वे 18 महीने बाद साल 1977 में वह जेल से छूटे थे.
जातिवाद के खिलाफ मुखर होकर आवाज बुलंद करते हैं शुक्ला
साल 2002 में उन्हें गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए संगठन का काम करना शुरू किया. मौजूदा वक्त में शिव प्रताप शुक्ला देश भर में बढ़ते जातिवाद के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज बुलंद करते हैं. शिव प्रताप शुक्ला अब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर अपना कार्यभार संभालेंगे.
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