Sirmour POCSO Act Case: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जिला सिरमौर में एक नाबालिग ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. 15 अक्टूबर को जुड़वा बच्चों के पैदा होने के बाद शिकायत पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. सिरमौर पुलिस में मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, आरोपी नाबालिग के गांव में ही अपनी बुआ के घर आता-जाता रहता था. वहीं यह मिस्त्री का काम भी करता था.


नाबालिग की मां न होने की वजह से लड़की घर पर अकेली रहती थी. शिकायत के मुताबिक, आरोपी ने शादी का झांसा देकर उससे कई बार रेप किया. बाद में आरोपी ने शादी के लिए मना कर दिया. नाबालिग ने स्वयं ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आरोपी की शिकायत दर्ज की. इसके बाद सिरमौर की रेणुकाजी पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए रविवार को अस्पताल में नाबालिग का मेडिकल करवाने के साथ नवजात बच्चों का डीएनए करवाकर नमूने सैंपल को जांच के लिए भेज दिया है.


आरोपी को जल्द पकड़ने का दावा


डीएसपी संगडाह मुकेश डडवाल ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है. दोनों बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. पुलिस आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी. उन्होंने बताया कि नाबालिग ने 15 अक्टूबर को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई अमल में लाई है.


क्या है पॉक्सो एक्ट? 


पॉक्सो एक्ट का मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चा माना गया है. बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. पॉक्सो कानून में पहले मौत की सजा नहीं थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन कर मौत की सजा का भी प्रावधान कर दिया.


यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 सरकार की ओर से अधिनियमित किया गया था. बच्चों को यौन शोषण और यौन अपराधों से बचाने के लिए भारत सरकार अधिनियम स्पष्ट रूप से 18 साल से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित करता है. POCSO अधिनियम अपराध की गंभीरता के अनुसार सजा का प्रावधान करता है.


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