Watch: हिमाचल के सिरमौर में मनाई गई अनोखी दिवाली, गालियां देकर भगाई गई प्रेत आत्माएं
Sirmaur News: हर साल की तरह इस साल भी सिरमौर में अनोखी दिवाली मनाई गई. यहां स्थानीय बोली में गालियां देकर प्रेत आत्माओं को भगाया गया.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में अनोखी दिवाली मनाई गई. यहां सालों से इस अनूठी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. जिला सिरमौर के रोनहाट इलाके में दिवाली के मौके पर लोगों ने मशाल जलाकर खुशियां मनाई.
इस दौरान इलाके के लोग मंदिर में एकत्रित हुए और देवताओं का जयघोष किया. परंपरा के मुताबिक, यहां स्थानीय बोली में गालियां देकर भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं को भगाया गया.
अनूठी परंपरा: जिला सिरमौर के रोनहाट इलाके में दिवाली के मौके पर लोगों ने मशाल जलाकर खुशियां मनाई. इस दौरान इलाके के लोग मंदिर में एकत्रित हुए और देवताओं का जयघोष किया. परंपरा के मुताबिक, यहां स्थानीय बोली में गालियां देकर भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं को भगाया गया.@ABPNews #himachal pic.twitter.com/vPx1vKJ01m
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) November 1, 2024
क्या है अनूठी परंपरा की मान्यता?
दरअसल, मान्यता है कि अमावस्या की रात बुरी प्रेत आत्माएं बाहर निकल आती हैं और उन्हें भगाने के लिए लोग स्थानीय बोली में गालियां देते हैं. हजारों सालों से यह परंपरा चली आ रही है. हर साल की तरह इस साल भी यहां परंपरा का निर्वहन करते हुए खास और अनोखी दिवाली मनाई गई.
लोगों ने हाथों में मशाल लेकर गीत गाए और प्रेत आत्माओं को गाली देकर भगाया. स्थानीय बोली में इसे डाव कहा जाता है. जिला सिरमौर के साथ जिला शिमला के कुपवी इलाके में भी इसी तरह की दिवाली मनाई जाती है. इस अनोखी दिवाली को लोग सुबह चार बजे तक मनाते हैं.
दिवाली पर घर आती हैं ब्याही हुई बेटियां
सुबह चार तक दिवाली मनाने के बाद लोग घरों के लिए रवाना होते हैं. दोपहर के वक्त दोबारा एक स्थान पर एकत्रित होंगे. दीपावली के इस अनोखे और खास त्योहार को मनाने के लिए ब्याही हुई बेटियां भी गांव पहुंचती हैं. आज के इस खास दिन को स्थानीय बोली में भ्यूरी कहा जाता है.
इसी दौरान गांव के लोग मिलकर गोवर्धन पूजा और भैया दूज जैसे त्योहार भी मनाते हैं. यहां गोवर्धन पूजा के दिन 'भ्यूरी' और भैया दूज के दिन 'जोन्दौई' मनाई जाती है.
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