Himachal Pradesh News: देशभर में ट्रांसजेंडर्स को समान अधिकार दिलाने के लिए कई खास मुहिम चलाई जा रही हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में भी ट्रांसजेंडर (Transgenders) की सहभागिता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने विशेष प्रयास किए. चुनाव आयोग के इन प्रयासों के चलते साल 2017 के विधानसभा चुनाव और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2022 में ज्यादा ट्रांसजेंडर वोटरों ने मतदान किया.



साल 2022 में बढ़ी ट्रांसजेंडर वोटरों की सहभागिता
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार ट्रांसजेंडर के लिए अलग श्रेणी बनाई गई. साल 2017 में हिमाचल प्रदेश में 14 ट्रांसजेंडर ने मतदान सूची में अपना नाम दर्ज करवाया, लेकिन केवल दो ही ट्रांसजेंडरों ने मतदान किया. इसी तरह साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी केवल 34 फ़ीसदी ट्रांसजेंडर वोटरों ने ही अपने अधिकार का इस्तेमाल किया, लेकिन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 38 तक पहुंची. इन ट्रांसजेंडरों ने मतदान कर वोटिंग प्रतिशत को 68 फ़ीसदी तक पहुंचाया. ट्रांसजेंडर वोटरों ने यह साबित किया कि वह किसी से अलग नहीं है और उनका अधिकार भी सभी अन्य वोटरों के समान ही है.


ट्रांसजेंडर बिजली महंत को बनाया डिस्ट्रिक्ट आइकन
हिमाचल विधानसभा चुनाव में ट्रांसजेंडर बिजली महंत को चुनाव आयोग ने डिस्ट्रिक्ट आइकन बनाया, ताकि ज्यादा से ज्यादा ट्रांसजेंडर वोटर मतदान करने के लिए आगे आएं. हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि 15 जनवरी 2022 को मतदाता सूची में सिर्फ 17 ट्रांसजेंडर वोटरों के नाम थे लेकिन चुनाव आयोग के कर्मचारियों ने विशेष प्रयासों के जरिए इनकी संख्या को बढ़ाकर 38 तक पहुंचाया. गर्ग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में ट्रांसजेंडर वोटर इससे भी अधिक संख्या में आगे आकर मतदान करेंगे.


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