Himachal Pradesh Snowfall: हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों और जनजातीय इलाकों में गुरुवार को मध्यम से भारी बर्फबारी जारी है, जबकि राज्य की राजधानी में मौसम की पहली बर्फबारी हुई, जिससे निवासियों, पर्यटकों और किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई. शिमला गुरुवार को बर्फ की चादर देखने को मिली, जबकि कुफरी और फागु के बीच 5 किलोमीटर का इलाका पूरी तरह से बर्फ से ढक गया. वहीं कसोल की मणिकरण घाटी में भारी बर्फबारी के कारण यातायात प्रभावित हुआ.
वहीं शिमला में बुधवार रात को जमकर ओलावृष्टि हुई और उसके बाद रुक-रुक कर बारिश हुई. राज्य में छह राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 240 से अधिक सड़कें वाहन यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं और भारी बर्फबारी और बारिश के कारण 677 ट्रांसफार्मर बाधित हो गए हैं. केंद्र ने कहा कि किन्नौर और लाहौल और स्पीति के आदिवासी जिलों में अधिकतम 165 सड़कें जाम हो गई हैं. कुफरी, फागु और नारकंडा में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें जाम होने से आगे शिमला के ऊपरी क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही रुक गई है.
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने गुरुवार को पीटीआई को बताया कि बर्फबारी और फिसलन भरी सड़क की स्थिति के कारण ढली में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सड़कें साफ कर दी जाएंगी. मंगलवार रात से 12 में से पांच जिलों में रुक-रुक कर बर्फबारी जारी है और स्थानीय मौसम विभाग ने आज पांच जिलों जैसे शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल और स्पीति में अलग-अलग स्थानों पर भारी बर्फबारी और बारिश के लिए नारंगी चेतावनी जारी की है.
वहीं तीन और चार फरवरी को आंधी और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया गया है. भारी बर्फबारी के पूर्वानुमान से किसानों और फल और सब्जी उत्पादकों को राहत मिली है, जिन्हें लंबे समय तक सूखे के कारण फसल का भारी नुकसान हुआ था. कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि बारिश का मौसम रबी फसलों के लिए फायदेमंद होने की संभावना है. भारी बर्फबारी ने पर्यटन और संबद्ध उद्योग को खुश कर दिया है और हम फरवरी में अच्छे सीजन की उम्मीद कर रहे हैं.
शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि शिमला में वीकेंड के दौरान बर्फबारी के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है. प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा, कुफरी, शिमला, मनाली, रोहतांग, सांगला, डलहौजी और खजियार में भी बर्फबारी हो रही है. शिमला जिले के चिड़गांव में 75 सेमी गहराई दर्ज की गई, इसके बाद शिकारी माता में 60 सेमी, कोठी में 50 सेमी, चांशेल और कामरू नाग में 45 सेमी, मनाली में 37 सेमी, केलांग में 32 सेमी, बड़ा बंगाल और पराशर झील में 30 सेमी, तिंदी, पांगी में 30 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई.
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