Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में जिला सोलन में व्यापारियों ने सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक अपनी दुकानों को बंद रखा. यह बंद शिमला के संजौली इलाके में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठी चार्ज और वॉटर कैनन के इस्तेमाल के विरोध में बुलाया गया था. बंद के बावजूद कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान खोली, तो इस पर भी वहां के स्थानीय लोग भड़क गए.


उन्होंने दुकान खोल रहे व्यापारियों की दुकान बंद करवाई और उनकी दुकानों के बाहर भी बॉयकॉट के निशान लगा डाले. कई देर तक सोलन बाजार में नारेबाजी होती रही. लोगों ने राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की. मौके पर भारी पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी.






हिमाचल प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहले ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर चुके हैं. विक्रमादित्य सिंह ने आम जनता को भरोसा दिलाया है कि राज्य में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.


अपने व्यापार को लेकर भी चिंतित हैं स्थानीय व्यापारी 


सोलन शहर के स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि शिमला के संजौली में प्रदर्शन के दौरान हिंदू संगठन के लोगों पर लाठियां चलाई गई. इसी के विरोध में यह बंद बुलाया गया. इसके अलावा सोलन शहर में बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से लोग आकर व्यापार करने लगे हैं.


इससे स्थानीय लोगों के व्यापार पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आ रहे लोग यहां भारी-भरकम किराया चुका रहे हैं. एक दुकान का एक दिन का किराया पांच हजार रुपए तक दिया जा रहा है. ऐसे में इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि इतना भारी-भरकम किराया बाहरी लोग कैसे चुका रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन से उन्होंने पहले भी मांग की है कि इस संबंध में जानकारी जुटाई जाए और इसकी जांच हो.


स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि आज प्रदर्शन के जरिए उन्होंने राज्य सरकार को संदेश देने का काम किया है. हिमाचल प्रदेश के सभी व्यापारी प्रदेश में मजबूत वेंडर पॉलिसी लाने की भी मांग उठा रहे हैं.


11 सितंबर को क्या हुआ था?


बता दें कि 11 सितंबर को सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी संजौली में जुटे. जिला शिमला प्रशासन ने यहां धारा- 163 लागू की हुई थी. इसके मुताबिक यहां पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी. बावजूद इसके बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और ढली टनल से बैरिकेडिंग तोड़ते हुए प्रदर्शनकारी तेजी से संजौली की ओर आए. यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया और वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. 


इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस कर्मचारियों के ऊपर पथराव किया. स्थिति कई देर तक तनावपूर्ण बनी रही. शाम होते-होते आंदोलन पर धरना प्रदर्शन खत्म हो सका. गुरुवार को ही मस्जिद कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिला और उस हिस्से को हटाने की अनुमति मांगी, जिसे आवाज बताया जा रहा है.


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