Himachal Congress Conflict: हिमाचल कांग्रेस और विवादों का नाता बेहद गहरा है. दोनों का जोड़ ऐसा है कि छोड़े नहीं छूटता हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार के सामने एक के बाद एक परेशानी सामने खड़ी हो रही है. कभी विधायक गीता ज्ञान दे रहे हैं, तो कभी मंत्री इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं. यही नहीं, मंत्री एक दूसरे के बयान को बचकाना बताकर सरकार की परेशानी बढ़ाने का भी काम कर रहे हैं. ताजा मामला जिला कांगड़ा से सामने आया है. यहां पूर्व विधायक और शिक्षा के मुख्य संसदीय सचिव रहे नीरज भारती ने अपने ही पिता कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को नसीहत दे डाली है.
'आप अपने जिले पर ध्यान दें'
नीरज भारती ने फेसबुक पर लिखा- 'चौधरी चंद्र कुमार जी अपनी ही कांग्रेस पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों पर तंज कसने से अच्छा है कि आप अपने जिले पर ध्यान दें. हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगडा के आप एक मात्र मंत्री हैं. सरकार में इसलिए अपनी पार्टी के चुने हुए विधायकों पर टिप्पणी करने की बजाय इस सबसे बड़े जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में सोचें, जो आज से आठ महीने पहले भी वही थे और आज भी वही हैं. जिले के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बारे में सोचें, जिन्हें यह अधिकारी मुंह नहीं लगा रहे हैं. उस विधायक पर भी नजर रखें, जो आपका और मुख्यमंत्री सुक्खू जी खास होने का ढोंग रच कर इन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ बनाकर बैठा है.'
भारती ने क्यों दी पिता को नसीहत?
इससे पहले वीरवार को राज्य सचिवालय में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने विधायक राजिंदर राणा और सुधीर शर्मा की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा था कि समय बहुत बलवान होता है, इन्सान नहीं. उन्होंने गीता के श्लोकों का वर्णन करते हुए बताया था कि समय के आगे व्यक्ति की कोई हैसियत नहीं होती. उन्होंने कुछ नेताओं को महत्वकांक्षी बताने के साथ ऐसी टिप्पणियों को अनुशासनहीनता भी करार दिया था. चौधरी चंद्र कुमार का यह बयान वायरल हुआ और इसी बयान के बाद बेटे नीरज भारती ने अपने ही पिता को सोशल मीडिया के जरिए नसीहत दे डाली.
विधायक राजिंदर राणा ने क्या लिखा था?
दो दिन पहले ही सुजानपुर के विधायक राजिंदर राणा ने लिखा था- जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं. जो विवादों में उलझ जाते हैं, वे अक्सर दिलों से भी उतर जाते हैं. महाभारत का प्रसंग देखिए- पांडवों ने सिर्फ पांच गांव ही तो मांगे थे और दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इनकार कर दिया था. एक ज़िद ने महाभारत रच दिया. सुकून भरी जिंदगी के लिए विवादों से दूरी, है बेहद जरूरी. राणा की इसी पोस्ट पर मंत्री पद की दौड़ में शामिल हुए थे. विधायक सुधीर शर्मा ने भी कमेंट किया था. सुधीर शर्मा ने लिखा था- तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान. भीलां लूटी गोपियां, वही अर्जुन वही बाण. यानी तुलसीदास जी कहते हैं- समय ही व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ और कमजोर बनता है. अर्जुन का वक्त बदला, तो उसी के सामने भीलों ने गोपियों को लूट लिया. जिसके धनुष की टंकार से बड़े बड़े योद्धा घबरा जाते थे.
नाराज हैं पूर्व विधायक नीरज भारती!
दरअसल, नीरज भारती स्थानीय कार्यकर्ताओं के काम न होने की वजह से नाराज हैं. उनका आरोप यह भी है कि जिन अधिकारियों की नियुक्ति भाजपा सरकार के दौरान हुई थी, वही अधिकारी कांग्रेस सरकार में भी कम कर रहे हैं. इसी वजह से कार्यकर्ताओं के कम लटके पड़े हैं. नीरज भारती समय-समय पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात जनता के सामने रखते हैं. इससे पहले भी नीरज भारती ने 31 मई को एक पोस्ट लिखकर व्यवस्था परिवर्तन पर सवाल खड़े किए थे.