Himachal News: हिमाचल प्रदेश का जिला कांगड़ा के पौंग डैम में पानी छोड़े जाने के बाद कई पंचायतें प्रभावित हुई हैं. फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की कई पंचायतों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. प्रदेश सरकार ने अब तक अलग-अलग इलाकों से 1 हजार 150 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. पौंग जलाशय में बहाव की वजह से इंदौरा और फतेहपुर की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं. 22 पंचायतों पर बाढ़ का ज्यादा प्रभाव है. लोगों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद रहा शिविरों में पहुंचे.
CM सुक्खू के अधिकारियों को सख्त निर्देश
यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि खाने में किसी तरह की कोई हेराफेरी नहीं होनी चाहिए. प्रभावितों के लिए घर की तरह ही खाना बनाया जाना होगा. मुख्यमंत्री के इस सख्त निर्देश के बाद प्रभावितों के चेहरे भी दु:ख के वक्त में भी खुशनुमा हो गए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखों ने कहा कि पैसों की चिंता करते हुए खाने की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा.
आपदा प्रभावितों के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रतिबद्धता के साथ प्रभावितों को राहत पहुंचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का घर टूटा है, उन्हें एक लाख रुपए मुआवजा दिया जा रहा है. इसके अलावा सहायता राशि को भी बढ़ाया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक हालत खराब हैं, लेकिन बावजूद इसके सरकार आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में कोई कमी नहीं आने देगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 50 साल में हिमाचल प्रदेश ने ऐसी आपदा नहीं देखी है. प्रदेश भर में हालात बेहद खराब हो चुके हैं. सरकार राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार लगातार केंद्र की मोदी सरकार से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है.