Himachal Pradesh: इस कांग्रेस विधायक ने मंत्री बनने से किया इनकार, CM सुक्खू ने दिये थे ये संकेत
Himachal Pradesh Politics: ऐसा शायद ही किसी राज्य में होता हो कि किसी विधायक को मंत्री बनाने का ऑफर दिया जा रहा हो और वह इससे इनकार करे लेकिन हिमाचल में अलग तरह की राजनीति दिख रही है.
Himachal Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) को दोबारा मंत्री बनाने के संकेत दिए. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्न संख्या 1452 में पर्यटन से जुड़े एक सवाल के जवाब के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधीर शर्मा मंत्री बनेंगे. वह वरिष्ठ मंत्री रहे हैं. भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है, किसी को नहीं पता. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद एक बार फिर सुधीर शर्मा के मंत्री बनने की चर्चा तेज हो गई है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 12 मंत्री हो सकते हैं. फिलहाल सुक्खू मंत्रिमंडल में 11 सदस्य हैं.
विधानसभा में मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद विधायक सुधीर शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब सरकार को 14 महीने का वक्त पूरा हो गया है. सुधीर शर्मा ने कहा कि जब व्यक्ति को भूख लगी होती है, तभी उसे खाना देना जरूरी होता है. जब उसका पेट भरा हो तब तो नहीं खाएगा. मार्च के पहले हफ्ते में आचार संहिता लग जाएगी और लोकसभा चुनाव आ जाएंगे. लोकसभा चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकेगा. उन्होंने कहा कि यह भविष्य ही बताएगा कि क्या स्थिति बनेगी. सुधीर शर्मा ने मंत्री बनने से भी साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी और को मंत्रिमंडल में एडजस्ट करना चाहिए. वे विधायक हैं और विधायक के तौर पर ही काम करते रहेंगे.
CM सुक्खू ने दिए सुधीर शर्मा को मंत्री बनाने के संकेत, सुधीर शर्मा ने कर दिया साफ इनकार!@ABPNews @SukhuSukhvinder @sudhirhp #shimla #HimachalPradesh #himachalcabinet pic.twitter.com/EomYmoBbKW
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) February 22, 2024
लोकसभा चुनाव लड़ने से भी सुधीर शर्मा का इनकार
विधायक सुधीर शर्मा ने कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस बारे में साफ इनकार कर चुके हैं. कांग्रेस पार्टी को उन्हीं को चुनाव लड़ना चाहिए, जिन्हें पार्टी ने जगह दे रखी है. उन्होंने पहले भी एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में कहा था कि पार्टी उन्हें मंत्री बनने के काबिल नहीं समझती, तो फिर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी वह काबिल नहीं है. उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र विशेष के ही वे अपने विधानसभा क्षेत्र के ही नेता हैं और अपनी जनता के लिए ही काम कर रहे हैं.
वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' नहीं
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में तो मंत्री रहे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. उनसे जूनियर विधायकों को मंत्री पद मिल गया, लेकिन सुधीर शर्मा के हाथ अब भी खाली हैं. सुधीर शर्मा की गिनती वीरभद्र कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में होती रही. अब वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' नहीं मिल पा रहा है.
सुक्खू कैबिनेट में एक पद है खाली
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो सकते हैं. कैबिनेट में अब मुख्यमंत्री को मिलाकर सदस्यों की संख्या 11 हो चुकी है. अब भी मंत्री का एक पद खाली पड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले के चुके हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मंत्री पद को भरा जा सकता है. इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार में जिला कांगड़ा से तीन मंत्री रहे. इनमें सरवीन चौधरी, बिक्रम सिंह ठाकुर और किशन कपूर शामिल थे.
हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है कांगड़ा
साल 2019 में किशन कपूर के सांसद बनने के बाद नूरपुर से विधायक रहे राकेश पठानिया को साल 2020 में कैबिनेट में शामिल किया गया. मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में कांगड़ा से दो ही मंत्री हैं. ऐसे में एक और मंत्री जिला कांगड़ा से बनाए जाने की संभावना अब भी बरकरार है, लेकिन कांग्रेस की एक महिला वरिष्ठ नेता की नाराजगी सुधीर शर्मा की राह का रोड़ा बनी हुई है.
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