Sudhir Sharma News: हिमाचल प्रदेश में सियासी उथल-पुथल लगातार जारी है. लंबे इंतजार के बाद जब स्माइलिंग लीडर की पहचान रखने वाले कांग्रेस बागी सुधीर शर्मा को मना नहीं सकी, तो उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से हटा दिया गया. सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से भी अयोग्य घोषित हो चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के इस फैसले को उनके साथ सभी छह कांग्रेस बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी है. सुधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के मौजूदा सियासी हालात को लेकर एबीपी न्यूज़ के साथ बातचीत की.
शर्मा बोले-कांग्रेस ने मुझे नीचा दिखाने की कोशिश की
वीरभद्र सरकार में सबसे पावरफुल मिनिस्टर की सूची में शुमार सुधीर शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी में उन्हें ही नीचा दिखाने की कोशिश की गई. सुधीर शर्मा ने कहा कि उनकी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अन्याय सहना भी उतना ही बड़ा अपराध होता है, जितना अन्याय करना. सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन कांग्रेस पार्टी को दिया.
उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता के साथ कांग्रेस के लिए काम किया, लेकिन उन्हें पार्टी में बार-बार नीचा दिखाने की कोशिश की गई. सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सामाजिक सरोकार और विकास के लिए खड़े रहना उनके खून में है.
उनके पिता और वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे पंडित संतराम ने उन्हें यही सीख दी. सुधीर शर्मा ने यह भी कहा कि उनका जन्म सनातन संस्कृति वाली शिव भूमि बैजनाथ में हुआ और वह सच्चाई के रास्ते पर चलना जानते हैं. सुधीर शर्मा ने कहा कि वह हमेशा ही स्वाभिमान का झंडा बुलंद करते रहे हैं.
आलाकमान पर आंखें मूंद कर बैठने के आरोप
हिमाचल प्रदेश सरकार में तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान शहरी विकास मंत्री रहे सुधीर शर्मा ने कहा कि एक वक्त था, जब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हर बात पर सहमति की मुहर लगाता था. यह उस वक्त का नेतृत्व था, जो अपने कर्मठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान करना जानता था. उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाती थी और संघर्ष व निष्ठाओं को भी सराहा जाता था.
सुधीर शर्मा ने आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि मौजूदा नेतृत्व आंखें मूंदकर सो रहा है. सुधीर शर्मा ने कहा कि पार्टी में सच्चाई बताने वालों को जलील करने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा कि आलाकमान पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की कद्र करना नहीं जानता. खुद को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से हटाए जाने को लेकर सुधीर शर्मा ने तंज करते हुए कहा कि क्या आज से पहले उन्हें कांग्रेस पार्टी ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंप हुई थी? शर्मा ने कहा कि यह तो वैसे भी सिर्फ नाम मात्र का ही पद था.
पार्टी नेताओं ने ही मुझे मारने तक की सुपारी दी- सुधीर शर्मा
सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में उन्हें भी नीचा दिखाने की कोशिश की गई. यही नहीं, कांग्रेस के ही एक नेता ने उन्हें रास्ते से हटाने के लिए सुपारी तक दी. सुधीर शर्मा ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद आखिर चुप कैसे बैठा जा सकता था? उन्होंने कहा कि आलाकमान भी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा हुआ है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी अपने मित्रों की टोली से घिरे हुए हैं.
सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना सीखा है और वह अन्याय सहन नहीं कर सकते. सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने बार-बार कार्यकर्ताओं की बात भी आलाकमान तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन सत्ताधीशों ने कोई बात नहीं सुनी.
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को क्यों दिया वोट?
सुधीर शर्मा ने एबीपी न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में वोट करने का कोई मलाल नहीं है. उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश का ही कोई नेता जीत कर जाए. उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस को ऐसा कोई नेता हिमाचल में नहीं मिला, जो राज्यसभा चुनाव जीत कर हिमाचल की आवाज बुलंद करने के लिए दिल्ली जाता. सुधीर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी को बधाई भी दी.
उन्होंने कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में एक निजी कंपनी की तरफ से जो केस लड़ा. उसमें भी कंपनियों को जीत मिल गई है. ऐसे में वह उन्हें बधाई भी देना चाहते हैं. क्योंकि उन्होंने एक ऐसे असंवैधानिक अधिनियम के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जो सरासर गलत था. सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने सदस्यता रद्द करने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. उन्हें न्याय मिलने की भी भरपूर उम्मीद है.
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