Himachal: हिमाचल प्रदेश सरकार युवाओं को सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन दे रही है. सरकार इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं से पैदा होने वाली बिजली की 25 साल तक खरीद करेगी, ताकि युवाओं के लिए एक स्थिर आय का स्रोत सुनिश्चित किया जा सके. इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा दोहन के साथ प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना भी है.
सोलर प्रोजेक्ट के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी
हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने अपनी भूमि पर 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. इस सब्सिडी से युवा उद्यमियों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उद्यम स्थापित करना और अधिक सुलभ और वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला रही है. सरकार प्रदेश की उपलब्ध जल विद्युत क्षमता के अलावा, सौर ऊर्जा संसाधनों का समुचित दोहन सुनिश्चित कर रही है. इस दिशा में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट की संयुक्त क्षमता के साथ नई सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है.
सोलर एनर्जी बनेगी कमाई का साधन
हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर युवा इन दिनों या तो सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं या फिर रोजगार की तलाश में हिमाचल प्रदेश से बाहर चले जाते हैं. रोजगार की तलाश में हिमाचल प्रदेश के युवाओं का पलायन बड़ी संख्या में हुआ है. ऐसे में यदि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देती है, तो इससे प्रदेश के युवाओं को फायदा मिलेगा. हिमाचल प्रदेश सरकार अपने इस कदम सी केवल हरित ऊर्जा राज्य की तरफ आगे बढ़ सकती है, बल्कि इससे पहाड़ी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा.