(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हिमाचल में कर्ज पर सियासी जंग, जयराम ठाकुर ने क्यों कहा- इस मामले में कीर्तिमान रचेंगे सीएम सुक्खू?
Himachal Financial Crisis: देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है.
Himachal Pradesh Financial Crisis: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विकास की गाड़ी बिना कर्ज आगे नहीं बढ़ सकती. प्रदेश के हालात ऐसे हैं कि यहां कर्मचारियों का वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन देने के लिए भी राज्य सरकार को कर्ज पर ही निर्भर रहना पड़ता है.
हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर चाहे जिस भी पार्टी की सरकार हो, हर सरकार को लोन लेकर ही आगे बढ़ना होता है. बावजूद इसके लोन के मुद्दे पर राज्य में हमेशा ही राजनीति गरमाई रहती है. अब कर्ज के मुद्दे को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है.
हमारी सरकार को पुराने कर्ज की किस्त चुकाने के लिए लेना पड़ रहा नया कर्ज- CM @SukhuSukhvinder@ABPNews #himachalpradesh pic.twitter.com/S6cayvo4hC
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) July 22, 2024
हिमाचल पर करीब 85 हजार करोड़ रुपये का कर्ज
छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर करीब 85 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है. वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक राज्य सरकार 3 हजार 400 करोड़ रुपये का लोन ले चुकी है. राज्य सरकार के पास अप्रैल महीने से दिसंबर महीने तक की अवधि में छह हजार करोड़ रुपये की लोन लिमिट है. दिसंबर से मार्च तक तिमाही के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक अलग लोन लिमिट सैंक्शन होगी. दिसंबर महीने तक राज्य सरकार 2 हजार 600 करोड़ रुपये का लोन ले सकती है.
वेतन पर ही सालाना 20 हजार 639 करोड़ रुपये खर्च
वित्त वर्ष 2026-27 में राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन पर ही सालाना 20 हजार 639 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. इससे भी बढ़कर चिंता की बात यह है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद राज्य सरकार के सिर पर आई एरियर की लायबिलिटी आउट ऑफ कंट्रोल होती चली जाएगी. बीते दिनों हिमाचल के दौरे पर आए सोलहवें वित्त आयोग के समक्ष राज्य सरकार ने इससे जुड़े तथ्य भी रखे हैं.
1 लाख करोड़ रुपए के बोझ तले दबेगा हिमाचल, CM सुक्खू स्थापित करेंगे कीर्तिमान- @jairamthakurbjp @ABPNews @BJP4Himachal #himachalpradesh pic.twitter.com/DCAMbckyMx
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CM सुक्खू ने बीजेपी को बताया जिम्मेदार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार को पुराने कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए लोन लेना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में जयराम सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आर्थिक संकट में डाला. इसी आर्थिक संकट की वजह से राज्य परेशानी झेल रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया कि उनकी सरकार साल 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएगी. इसके लिए व्यवस्था परिवर्तन किया जा रहा है.
जयराम ठाकुर ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी पलटवार किया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि पांच साल तक उन्होंने सत्ता में रहते हुए सिर्फ 19 हजार 600 करोड़ रुपये का लोन लिया. उन्होंने पूर्व की सरकारों के वक्त लिए गए लोन का ब्याज चुकाया. जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर जल्द ही एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने का कीर्तिमान स्थापित करेंगे.
42 फीसदी धन वेतन और पेंशन पर हो रहा खर्च
हिमाचल प्रदेश सरकार कुछ इस तरह कर्ज के जाल में फंस चुकी है कि सरकार का 42 फीसदी धन सरकारी कर्मचारियों का वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन देने में ही खर्च हो रहा है. इसके अलावा ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किए जाने का असर भी सरकारी खजाने पर दिखना शुरू हो गया है. राज्य सरकार को नए वेतन आयोग के भुगतान के लिए नौ हजार करोड़ रुपये भी चाहिए. यह एरियर तत्कालीन जयराम सरकार के वक्त से ही बकाया है.
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