Himachal News: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर युवा सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं. बीते कुछ वक्त से सरकारी नौकरी के लिए अमल में लाई जा रही भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है. कभी पेपर लीक, तो कभी प्रश्न पत्र की खरीद-फरोख्त. यह अभ्यर्थियों के लिए चिंता का विषय बनी रहती है. इस चिंता के समाधान का दावा करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सामने आया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि नव गठित हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग अपने कामकाज और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ग्रुप- सी पदों की भर्ती परीक्षाओं के संचालन के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है. भर्ती प्रक्रिया में योग्यता को प्राथमिकता देने के साथ भ्रष्ट आचरण पर रोक लगाने के लिए प्रक्रिया में अहम बदलाव किए जा रहे हैं.
भर्ती प्रक्रिया में कम से कम होगा मानवीय हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग अन्य राज्यों के सामने भी एक उदाहरण स्थापित करेगा. हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के संबंध में प्रक्रिया और काम करने के नियम बनाने को भी स्वीकृति दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कम से कम मानवीय हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा रहा है. भर्ती प्रक्रिया के दौरान कंप्यूटर के माध्यम से ही ऑटोमेटिक प्रक्रिया के तहत प्रश्न पत्र सेट किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पात्र उम्मीदवारों को एक बार पंजीकरण की सुविधा दी जाएगी. इसके बाद वे अलग-अलग पोस्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.
डैशबोर्ड पर मिलेगी खाली पड़े पदों की जानकारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पंजीकृत अभ्यर्थी आयोग के डैशबोर्ड पर खाली पड़े पदों की अधिसूचना और विज्ञापन भी देख सकेगा. आवेदन हासिल होने के बाद आयोग आवेदन पत्रों की जांच कर उनकी यूजर आईडी के आधार पर ई-एडमिट कार्ड जारी करेगा. उम्मीदवार यह ई-एडमिट कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि अभ्यर्थी बारकोड और बायोमेट्रिक स्कैनिंग के जरिए एडमिट कार्ड के सत्यापन के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर सकेंगे.
पूर्व बीजेपी सरकार पर भी साधा निशाना
राज्य चयन आयोग ऑनलाइन कंप्यूटर प्रक्रिया के तहत सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा करवाएगा. उम्मीदवारों की सुविधा के लिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट आयोजित होंगे. इसके अलावा उम्मीदवारों को परीक्षा पैटर्न के बारे में जानकारी देने के लिए ऑनलाइन प्रैक्टिस लिंक भी उपलब्ध करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया. पूर्व सरकार के दौरान प्रश्न पत्र बेचे गए. इसलिए उन्होंने सत्ता में आते ही हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा करने के लिए स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.
इसे भी पढ़ें: Himachal News: नौ दिन बाद सतलुज में मिला चेन्नई के पूर्व मेयर के बेटे का शव, पिता ने किया था एक करोड़ के इनाम का एलान