(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Politics: 'पोस्ट के लिए मैं नहीं करता लॉबिंग', सुक्खू कैबिनेट में अपनी जगह को लेकर बेबाक बोले विधायक राजेश धर्माणी
HP: राजेश धर्माणी ने कहा कि, मंत्रिमंडल में जगह देना सीएम का विशेषाधिकार है और इसमें हाईकमान ही फैसला लेगा. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और जो जिम्मेदारी दी गई है उसे निष्ठा के साथ निभा रहा हूं.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा का बजट सत्र (Assembly Budget Session) चल रहा है. बजट सत्र के दौरान भी प्रदेश भर की जनता को सुक्खू मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार है. यह इंतजार बिलासपुर की जनता और घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी (Rajesh Dharmani) के समर्थकों के लिए और भी ज्यादा है. रह-रह कर मंत्रिमंडल विस्तार की बातें उठती रहती हैं और धर्माणी के समर्थकों का जोश बढ़ जाता है.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री कई बार संकेत दे चुके हैं. ऐसे में राजेश धर्माणी के समर्थक भी अपने नेता के लिए मंत्री पद को लेकर आश्वस्त हैं. सुक्खू मंत्रिमंडल में अपनी जगह को लेकर राजेश धर्माणी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की.
सवाल- मंत्रिमंडल में बिलासपुर को उसका अधिकार नहीं मिला. इस पर आपकी क्या राय है?
राजेश धर्माणी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, मंत्रिमंडल में जगह देना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और इसमें हाईकमान ही फैसला लेगा. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और जो जिम्मेदारी दी गई है उसे निष्ठा के साथ निभा रहा हूं.
सवाल- आप ईमानदारी और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. आप बेबाकी से अपना अधिकार आलाकमान से क्यों नहीं मांगते? आपने तो बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह जिला में कांग्रेस को जीत दिलाई.
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हां, यह बात सही है कि मेरी सीट पर बीजेपी की सक्रियता बहुत अधिक है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा लगातार वहां प्रचार करते रहे. मेरे चुनावी प्रतिद्वंदी राजिंदर गर्ग को पहली बार चुनाव जीतने पर ही बीजेपी सरकार ने कैबिनेट मंत्री बनाया ताकि मुझे काउंटर किया जा सके. हमारे सांसद अनुराग ठाकुर भी केंद्र में मंत्री हैं. बिलासपुर एक महत्वपूर्ण जिला है. बिलासपुर सी कैटेगरी स्टेट भी रहा है. सभी तथ्य आलाकमान और मुख्यमंत्री के ध्यान में है. मुझे अपनी बात रखने की जरूरत नहीं है.
सवाल- सभी समीकरण आप के पक्ष में थे. आखिरी वक्त में नाम मंत्रिमंडल की सूची से क्यों कट गया?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि- हर व्यक्ति के गुण-दोष होते हैं. आलाकमान को मुझ में कोई कमी लगी होगी. शायद तभी मुझे मंत्री पद नहीं दिया गया. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका निर्वहन सच्ची निष्ठा के साथ कर रहा हूं.
सवाल- तत्कालीन वीरभद्र सरकार में आप वन विभाग के सीपीएस रहे. अब चर्चा है कि आपके लिए आपका वन विभाग खाली छोड़ा गया है.
इस सवाल का जवाब देते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि मैं इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. किसके लिए कौन-सा विभाग छोड़ा गया है, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता. ऐसी चर्चा है, इसके लिए धन्यवाद.
सवाल- आखिरी वक्त में मंत्रिमंडल सूची से बाहर हुए तीनों संभावित चेहरे ब्राह्मण थे. क्या आपकी जाति मंत्रीपद के आड़े आई?
राजेश धर्माणी ने कहा कि अगर जाति ही मेरा गुण है, तो मैं माफी चाहता हूं. तब मुझे कुछ नहीं चाहिए. सरकार जाति से नहीं चलती. हमें सभी वर्गों का समर्थन मिला है. मैं जात-पात में विश्वास नहीं करता.
सवाल- क्या आप भविष्य में मंत्री पद को लेकर आश्वस्त हैं?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, मैं कभी-भी किसी पद के लिए लॉबिंग नहीं करता. न ही कभी कोई दबाव बनाता हूं. आलाकमान बिना दबाव सोच-समझ कर फैसला लेगा कि उन्हें क्या करना है? लोग सोचते हैं कि मैं ऐसा अहंकार की वजह से नहीं करता, लेकिन मैं अहंकारी नहीं हूं. मुझे लॉबिंग करने नहीं आती.
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