सियासी संकट से बचने के लिए सुक्खू सरकार ने तेज की कवायद, BJP के 9 विधायकों पर कार्रवाई की तैयारी
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट के बादल एक बार फिर मंडरा रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस संकट से बचने की कवायद पहले ही तेज कर दी है.
Himachal Pradesh Politics: बुधवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए पद छोड़ने के आदेश जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी है. इस बीच बीजेपी सभी छह पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों की विधानसभा सदस्यता को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है और भविष्य में यहां उपचुनाव की चर्चाओं को हवा दी जा रही है.
अगर ऐसा हुआ, तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले सरकार पर दोबारा संकट के बादल मंडराते नजर आएंगे. इस संकट से बचने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है. जानकारी है कि भाजपा विधायकों के खिलाफ विधानसभा सचिवालय की उस शिकायत पर कार्यवाही तेज करने की तैयारी चल रही है, जो कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी की ओर से दी गई है.
बीजेपी के नौ विधायकों पर कार्रवाई की तैयारी
नाहन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी के नौ विधायकों के खिलाफ शिकायत दी है. इनमें ऊना से सतपाल सिंह सत्ती, नाचन से विनोद कुमार, चुराह से डॉ. हंसराज, बंजार से सुरेंद्र शौरी, सुलह से विपिन सिंह परमार, बिलासपुर क्षेत्र त्रिलोक जमवाल, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, आनी से लोकेंद्र कुमार और करसोग से दीपराज शामिल हैं.
इन नौ बीजेपी विधायकों के खिलाफ शिकायत है कि यह सभी विधायक बजट सत्र के दौरान अध्यक्ष के आसन तक पहुंचे. यही नहीं, इन विधायकों ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के कक्ष के बाहर भी हंगामा किया.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा कर्मचारियों से भी कागज छीनकर उन्हें हवा में उछाला गया और मार्शल से भी धक्कामुक्की की गई. गौर हो कि शिकायत पर कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास ही है.
आधिकारिक विदेश दौरे पर हैं कुलदीप सिंह पठानिया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष इन दिनों आधिकारिक दौरे पर देश से बाहर हैं. उनके जल्द ही हिमाचल प्रदेश से लौटने का कार्यक्रम है. सूत्रों की मानें, तो जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया वापस लौटेंगे तो इस शिकायत पर कार्यवाही तेज हो सकती है. कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष को ही फैसला करना है.
ऐसे में अगर शिकायत पर पुख्ता कार्रवाई होती है, तो नौ विधायकों की कुर्सी पर संकट आ सकता है. ऐसे में बीजेपी के विधायकों की संख्या कम कर कांग्रेस अपना संकट टालने की कोशिश करेगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सदस्य हैं. यहां बहुमत का आंकड़ा 34 है. विधानसभा में कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 28 सदस्य हैं.
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