Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीट पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगने जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उसे खबर का खंडन किया है, जिसमें यह कहा गया था कि भवन मालिक की ओर से लगाई गई टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे.


जल शक्ति विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की कोई अधिसूचना मौजूदा सरकार में जारी नहीं हुई है. सीवरेज कनेक्शन पहले की तरह ही दिए जाते रहेंगे. जल शक्ति विभाग का लक्ष्य 100% कनेक्टिविटी प्राप्त करना है, ताकि प्रदूषण को काम किया जा सके और सीवरेज की सही व्यवस्था हो. हाल ही में केवल पानी के शुल्क के संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है, जबकि अन्य कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.


किस तरह के टैक्स की बात हो रही थी?


बता दें कि हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स लगाने की बात कही जा रही थी. कहा जा रहा था कि जितनी घर में टॉयलेट सीटों की संख्या होगी, उस आधार पर ही टैक्स चुकाना होगा.


हालांकि राज्य सरकार ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह का कोई नया टैक्स आम लोगों पर नहीं लगाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के सभी मकान मालिकों पर किसी तरह का कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है. जल शक्ति विभाग ने इस संबंध में किसी तरह का कोई नया बदलाव नहीं किया है.


सोशल मीडिया पर लोगों की निशाने पर थी सरकार


जैसे ही हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीटों के आधार पर टैक्स लगाने की बात सामने आई, वैसे ही सोशल मीडिया पर भी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई थी. सोशल मीडिया पर तरह-तरह की कमेंट के जरिए सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा था. हालांकि अब आम लोगों के लिए राहत की बात यह है कि राज्य सरकार ने इस तरह का कोई भी टैक्स जनता पर नहीं थोपा है. राज्य सरकार ने पेयजल से जुड़ा बदलाव जरूर किया है. 1 अक्टूबर से ग्रामीण इलाकों में भी पीने के पानी के बिल आएंगे, जबकि पहले ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिलकुल मुफ्त था.


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