हिमाचल में आर्थिक संकट के बीच सरकार का नया कारनामा! एक ही बार में चेयरमैन की तनख्वाह एक लाख बढ़ा दी
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू ने कर्मचारियों के डीए और एरियर भुगतान में विफलता के लिए पिछली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
HPBOCWB Chairman Salary Increase: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट गहराया हुआ है. यह और कोई नहीं, बल्कि खुद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री इसके लिए पूर्व बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसी वजह से कर्मचारियों का लंबित डीए और एरियर भुगतान नहीं हो पा रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग की एक अधिसूचना चर्चा का विषय बन गई है. यह अधिसूचना 30 जुलाई को जारी हुई थी.
इस अधिसूचना के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष का वेतन 30 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 30 रुपये रुपये कर दिया गया है. यही नहीं, इस वेतन के साथ अध्यक्ष को अन्य भत्ते भी मिलेंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि अगली बैठक में इस बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से मंजूर कर दिया जाएगा. 30 जुलाई को जारी यह अधिसूचना श्रम एवं रोजगार विभाग की सचिव प्रियंका बसु की ओर से जारी हुई है.
आर्थिक बदहाली के बीच सरकार का अजब फैसला
गुरुवार को ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान अपने साथ मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन को दो महीने के लिए डिले किया है. मुख्यमंत्री इसे सांकेतिक होने के साथ-साथ बड़ा कदम बता रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि इससे कोई ज्यादा अंतर तो नहीं आएगा, लेकिन यह सरकार का ऐतिहासिक और सांकेतिक निर्णय है. सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर नजर आ रहा है.
इस बीच विपक्ष को अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने का नया मौका मिल गया है. एक तरफ सरकार आर्थिक बदहाली का रोना रोकर वेतन डिले करवा रही है और दूसरी तरफ बोर्ड के अध्यक्ष के वेतन में एक साथ एक लाख रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है.
बीजेपी विधायकों का कांग्रेस सरकार पर निशाना
जहां एक तरफ विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी के नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने सरकार पर तंज करते हुए लिखा- 'वह भी एक दौर था. जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. यह भी एक दौर है'.
बीजेपी विधायक आशीष शर्मा ने लिखा- 'मैं, मेरे परिवार और मित्रों का काम बनता भाड़ में जाए जनता!! झूठ बोलना और जनता को गुमराह करना कोई प्रदेश की कांग्रेस सरकार से सीखे. एक तरफ मंत्रियों, चेयरमैन व मुख्य संसदीय सचिवों द्वारा दो माह का वेतन न लेने की दिखावे की घोषणा की जा रही है.'
दूसरी तरफ एक चेयरमैन के वेतन में सीधे से करीब पांच गुना वृद्धि की गई है. वाह रे व्यवस्था परिवर्तन! लोगों की आंखों में धूल झोंकने का कार्य माननीय मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं. सत्ता लोभ में झूठी घोषणाएं कर प्रदेश को कर्ज के बोझ में दबाया जा रहा है, पर मित्रों को रेवड़ियां बांटना जारी है. फिर ये वेतन न लेने का दिखावा क्यों'.
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