Shimla News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने शिमला (Shimla) के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में भवन निर्माण के नियमों को और ज्यादा कड़ा करने का फैसला लिया है. साल 2022 में अप्रैल के महीने में तत्कालीन भाजपा (BJP) सरकार के कार्यकाल में शिमला डेवेलपमेंट प्लान को मंजूरी दी गई थी. इसके ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में डेढ़ मंजिल और पार्किंग बनाने का प्रावधान था. सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवेलपमेंट प्लान को अधिसूचित करने की अनुमति कुछ महीने पहले दी और राज्य सरकार ने जून 2023 में इसे अधिसूचित किया था. अधिसूचित करने के बाद अभी यह लागू नहीं की गई है.


हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने इन नियमों को और कड़ा करने के निर्देश दिए. इसे देखते हुए कैबिनेट की 11 अक्टूबर को हुई बैठक में ग्रीन बेल्ट में निर्माण के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है. शिमला के जाखू हिल्स में ग्रीन कवर का संरक्षण करने के लिए ऐसे प्लॉट जिनमें एक भी हरा या सूखा पेड़ है, उस पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसे प्लॉट को भी ग्रीन प्लॉट माना जाएगा, जिन पर सूखे या हरे पेड़ को काटा या गिराया गया हो उन प्लॉटों पर भी किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं होगी.


सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे अधिसूचना
अभी यह अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होगी. शिमला डेवेलपमेंट प्लान को कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि सरकार पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कृत संकल्प है. इस दिशा में सरकार की ओर से अनेक महत्त्वाकांक्षी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार शिमला और आसपास के क्षेत्रों में ग्रीन एरिया को और बढ़ाने पर विचार कर रही है.


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