CPS नियुक्ति मामले में HC के फैसले के खिलाफ SC पहुंची सुक्खू सरकार, BJP ने भी दाखिल किया केविएट
Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे दी है. दरअसल, ये चुनौती सरकार ने इसलिए दी है क्योंकि हाई कोर्ट ने 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला लिया है.
CPS Appointment in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. हिमाचल प्रदेश सीपीएस/पीएस एक्ट- 2006 को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर कर दी है. वहीं, इस मामले में याचिका दायर करने वाले बीजेपी नेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है. सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में दफ्तर से नेम प्लेट हटा दी गई है.
इसके अलावा मुख्य संसदीय सचिवों की गाड़ियों और स्टाफ को भी वापस ले लिया गया है. सभी पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों की सरकारी मकान छोड़ने की प्रक्रिया भी जारी है. इन सभी पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों को विधायक के तौर पर अब विधानसभा सचिवालय से मकान आवंटित होने हैं.
हिमाचल हाई कोर्ट से राज्य सरकार को झटका
बता दें कि 13 नवंबर को ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बड़ा झटका दिया है. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की डबल बेंच ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही सभी मुख्य संसदीय सचिवों को तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने के आदेश जारी किए.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिव एक्ट- 2006 को रद्द किया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच के इसी फैसले के खिलाफ अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई संभव है.
कांग्रेस सरकार में थे छह मुख्य संसदीय सचिव
इस संबंध में बीजेपी विधायक सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य विधायकों ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती दी थी. गौर हो कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन विधायकों की सदस्यता को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की थी. बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे.
इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं.
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