Himachal Pradesh Schools News: हिमाचल प्रदेश साक्षरता दर में भले ही अग्रणी राज्य में शामिल हो, लेकिन यहां के स्कूल के हालात ठीक नहीं हैं. इस बात की तस्दीक खुद यहां के आंकड़े करते हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) पहले चरण में 286 स्कूलों को बंद करने जा रही है. इन 286 स्कूलों में एक भी छात्र पढ़ाई नहीं कर रहा है. इनमें 228 प्राइमरी, जबकि 56 मिडिल स्कूल शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) ने कहा कि सरकार जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को बंद कर रही है.


शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व जयराम ठाकुर सरकार ने आखिरी छह महीनों में 314 स्कूल राजनीतिक लाभ लेने के लिए खोल दिए. ऐसी जगह पर भी स्कूल खोले गए, जहां इसकी जरूरत ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने 314 स्कूलों के साथ 23 इस कॉलेज खोले. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने फैसला किया है कि जिन कॉलेज और स्कूलों में 65 से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें सरकार बंद नहीं करेगी, जहां छात्र-छात्राओं की एनरोलमेंट इससे कम होगी, उन्हें बंद कर दिया जाएगा.


किन स्कूलों को किया जाएगा बंद?


शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राइमरी स्कूल में 10, हाई स्कूल में 20, सीनियर सेकेंडरी में 25 विद्यार्थियों से कम संख्या पर स्कूलों को बंद किया जाना है. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया. चुनाव में फायदा लेने के लिए आखिरी छह महीनों में रिकॉर्ड तोड़ कार्यालय खोले, जिससे प्रदेश की आर्थिकी पर अतिरिक्त बोझ पड़ा.


'बिजली बोर्ड पर पहले से 1 हजार 800 करोड़ रुपये का घाटा'


शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 1990 से लेकर साल 2017 तक हिमाचल प्रदेश में केवल पांच बिजली बोर्ड के कार्यालय थे, लेकिन सरकार ने आखिरी छह महीने में बिजली बोर्ड के 33 कार्यालय खोल डाले. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड पर पहले ही 1 हजार 800 करोड़ रुपये का घाटा है. इसके अलावा विभाग में 10 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं. ऐसे में इन कार्यों को खोलने का कोई औचित्य नहीं था. केवल चुनाव में फायदा लेने के लिए कार्यालय खोलने का काम किया गया.


3 हजार 154 स्कूल में केवल एक ही टीचर


शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 3 हजार 154 स्कूल में केवल एक ही टीचर है. प्रदेश के 455 स्कूलों में टीचर डेपुटेशन पर पढ़ा रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरप्लस अध्यापकों वाले स्कूल से टीचर्स को अन्य स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि प्रदेश की शिक्षा को सुचारू रूप से चलाया जा सके. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले 10 सालों में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा सूरत बदली हुई नजर आएगी.


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