Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह पर काफी मेहरबान है. राम सुभग सिंह को राज्य सरकार ने दो साल का एक्सटेंशन दिया है. 


इससे पहले इसी साल 31 जुलाई को राम सुभग सिंह को एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था. अब उनका एक्सटेंशन दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है. राज्य सरकार का यह फैसला 1 अगस्त 2024 से लागू माना जाएगा. 


राम सुभग सिंह को हर महीने 1.50 लाख रुपये का वेतन मिलेगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार के तौर पर सेवाएं देंगे. राम सुभग सिंह 1987 बैच के रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं.






विवादों में घिर चुके हैं राम सुभग सिंह
तत्कालीन जयराम सरकार में पर्यटन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव रहते हुए राम सुभग सिंह विवादों में घिर गए थे. हिमाचल प्रदेश में हुई इन्वेस्टर मीट के लिए तैयार किए गए एक पोर्टल पर विवादित डॉक्यूमेंट अपलोड हो गया था. 


हैरानी की बात यह थी कि इसकी जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नहीं थी. राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. उस समय मुख्य सचिव रहे बीके अग्रवाल से उन्होंने इस संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट तलब किया था. 


इस घटना के बाद उन्हें भारमुक्त भी कर दिया गया था. राम सुभग सिंह को बाद में आयुष विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि आयुष विभाग भी राम सुभग सिंह से पांच दिन में वापस ले लिया गया था.


'इन कर्मचारियों का होता रहा विरोध'
हिमाचल प्रदेश के दोनों मुख्य राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी हमेशा से ही टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों का विरोध करते रहे हैं. विपक्ष में रहते हुए हर पार्टी यही तर्क देती है कि कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए. इसके उलट जैसे ही किसी भी पार्टी के हाथ में सत्ता आती है. 


वह इसी तरह अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार देना शुरू कर देती हैं. इससे राज्य के बेरोजगार युवाओं में भी खासा रोष रहता है. हाल ही में राज्य के शिक्षित बेरोजगारों ने रिटायर्ड अधिकारियों को एक्सटेंशन देने के खिलाफ जोर-शोर से आवाज बुलंद की थी.


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