By-Election in Himachal Pradesh: देश की जनता को लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम का इंतजार है. इस बीच कांग्रेस आलाकमान की परेशानी बढ़ी हुई है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की अस्थिरता की खबरें भी एक बार फिर जोर पकड़ती हुई नजर आ रही हैं. हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुए और इसका परिणाम मंगलवार को घोषित होना है.


हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट और विधानसभा उपचुनाव वाली छह सीटों पर भी बीजेपी के जीत के पूर्वानुमान है. एक्सिस माई इंडिया का दावा है कि अगर ऐसा हुआ, तो हिमाचल में सुक्खू सरकार गिर सकती है.


किस बात से परेशान है कांग्रेस आलाकमान?


एक्सिस माय इंडिया के इस एग्जिट पोल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में हम यह समझते हैं कि मौजूदा हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मौजूदा स्वरूप क्या है और क्या सच में सरकार की स्थिरता पर कितना खतरा है. हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा क्षेत्र हैं. राज्य में छह विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव की वजह से मौजूदा वक्त में हाउस में 62 सदस्य हैं. आज यानी सोमवार (3 जून) को ही तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे भी स्वीकार हुए हैं. ऐसे में यहां संख्या घटकर 59 रह गई है. 


मंगलवार को छह विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के परिणाम आने के बाद सदस्यों की संख्या दोबारा 65 हो जाएगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 65 सदस्यों का सदन होने पर बहुमत का आंकड़ा 33 होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के पास मौजूदा वक्त में 34 सदस्यों का समर्थन है. इनमें विधानसभा स्पीकर भी शामिल हैं. 


एग्जिट पोल सही हुआ तो क्या होगा?


मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पता चलेगा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार कितनी अधिक स्थिर होगी. एक्सिस माई इंडिया के पोल को अगर सही माना जाए, तब बीजेपी के पांच सदस्यों के जीतने के बाद पार्टी के खेमे में 30 विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 35 हो जाएगी. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह सुरक्षित रहेगी.


फिलहाल सुरक्षित है सुक्खू सरकार


हिमाचल प्रदेश विधानसभा में फिलहाल सदस्यों की जितनी संख्या है, वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले सरकार के पक्ष में है. लेकिन, चर्चा है कि कई कांग्रेस के विधायक अब भी भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं. बीजेपी के साथ लगातार संपर्क में बने हुए कांग्रेस के विधायक देश में बनने वाली सरकार का भी इंतजार कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन इस पूरे सियासी खेल में अब भी अहम भूमिका में हैं. 


लोकसभा चुनाव में मंडी और शिमला सीट पर सीटिंग विधायक विक्रमादित्य सिंह और विनोद सुल्तानपुरी को ही अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव में इन दो प्रत्याशियों की जीत होती है, तो विनोद सुल्तानपुरी की कसौली सीट और विक्रमादित्य की शिमला ग्रामीण सीट पर भी उपचुनाव होगा. 


PM मोदी ने भी दिए थे स्पष्ट संकेत 


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जब हिमाचल प्रदेश में प्रचार के लिए आए, तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी सरकार बनाने का दावा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल की जनता को कांग्रेस के शिकंजे से छुड़ाना है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी कमल के फूल वाली सरकार बनाने की बात कही है. ऐसे में अब सभी की नजरें मंगलवार को आने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे पर भी लगी हुई हैं.


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