Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की नेतृत्व वाली सरकार ने 13 जनवरी को हुई पहली कैबिनेट बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) बहाली के फैसले की घोषणा की. हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय के बाहर भी एक बड़ा हार्डिंग लगा है. इसमें ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की बात लिखी गई है. 


अब कैबिनेट के फैसले के दो महीने का समय बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों का एनपीएस शेयर कट रहा है. 13 जनवरी को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो दिन के अंदर अधिसूचना जारी करने की बात कही गई थी. 


घोषणा हुए दो महीने का वक्त बीता


अब घोषणा हुए दो महीने का वक्त बीतने वाला है, लेकिन अब तक अधिसूचना जारी नहीं हो सकी है. सरकार ने दावा किया था कि हिमाचल प्रदेश का ओल्ड पेंशन स्कीम का मॉडल बिलकुल अलग होगा. अब तक अधिकारी तय नहीं कर सके हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम किस मॉडल के आधार पर दी जाएगी.


कांग्रेस सरकार को घेर रही बीजेपी


विपक्षी दल बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जो बड़े-बड़े वादे किए थे, उनमें एक भी वादा अब तक पूरा नहीं हो सका है. कांग्रेस ने जो 10 गारंटियां पूरी करने की बात कही थी, उसमें एक भी गारंटी अब तक पूरी नहीं हुई है. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि अब कांग्रेस जगह-जगह लगाए गए हार्डिंग और वॉल राइटिंग को भी हटा रही है.


आभार रैली पर भी संशय!


हिमाचल प्रदेश न्यू पेंशन कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार का धन्यवाद करने के लिए आभार रैली का भी आयोजन करना था, लेकिन अब तक इस रैली पर भी संशय बना हुआ है. 13 जनवरी को न्यू पेंशन कर्मचारी संघ ने पहाड़ी वाद्य यंत्रों के साथ होटल पीटर हॉफ में पहुंचकर जमकर ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली जश्न मनाया, लेकिन अब जश्न के बाद अधिसूचना का इंतजार किया जा रहा है.


हर महीने कट रहा NPS शेयर 


न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी हर महीने अपनी अपने वेतन का 10 फ़ीसदी हिस्सा पीएफआरडीए में जमा करते हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से 14 फीसदी शेयर जमा किया जाता है. मौजूदा वक्त में एनपीएस के तहत प्रदेश के कर्मचारियों और सरकार के करीब 8 हजार करोड़ रुपए पीएफआरडीए में फंसे हुए हैं.


हिमाचल प्रदेश सरकार इस पैसे को वापस लेने की बात कर रही है, जबकि पीएफआरडीए ने पहले ही इस संबंध में इनकार कर दिया है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एनपीएस स्कीम से बाहर निकलने का कोई नियम मौजूद नहीं है.


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