Sukhwinder Singh Sukhu: HRTC बस ड्राइवर के बेटे के हाथ हिमाचल की सत्ता का 'स्टीयरिंग', ऐसे तय किया मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
HP Government Formation: कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सुखविंद सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है. वह रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण दोपहर 1.30 बजे होगा.
Sukhwinder Singh Sukhu: यह लोकतंत्र की ही खूबसूरती है, जहां आम आदमी को देश-प्रदेश के शीर्ष पद तक पहुंचने का स्वर्णिम मौका मिल सकता है. राजनीति संघर्ष मांगती है और सुखविंदर सिंह सुक्खू का जीवन इसी संघर्ष का परिचायक है. एक साधारण परिवार के बेटे सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री होंगे.
जिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रशिल सिंह के हाथ में कभी HRTC बस का स्टीयरिंग हुआ करता था, आज उन सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथ में हिमाचल प्रदेश की सियासत का स्टीयरिंग आ गया है. संघर्ष भरे जीवन से उठे सुखविंदर सिंह सुक्खू आम आदमी का दु:ख जानते हैं इसलिए लोग भी उम्मीद कर रहे हैं कि सुक्खू सत्ता का स्टीयरिंग विकास और अंतोदय के हित की दिशा में मोड़ेंगे.
छात्र जीवन में सुक्खू ने की राजनीतिक पारी की शुरुआत
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एनएसयूआई से छात्र राजनीति के साथ शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस पार्टी में अपना बड़ा नाम बनाया. एनएसयूआई के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले यूथ कांग्रेस और फिर हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष बने. इससे पहले साल 1992 और साल 1997 में सुखविंदर सिंह सुक्खू नगर निगम शिमला के पार्षद के तौर पर भी चुनाव जीते.
साल 2003 में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साल 2007 के चुनाव में भी अपना लोहा मनवाया, लेकिन साल 2012 में सुखविंदर सिंह सुक्खू को हार का मुंह भी देखना पड़ा. सभी को लगा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की राजनीति अब खत्म हो जाएगी, लेकिन सुक्खू ने संगठन में रहकर कांग्रेस को मजबूती देने का काम किया.
इन महत्वपूर्ण फैक्टरों ने सुक्खू के पक्ष में क्या काम
साल 2017 में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फिर वापसी की और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें हिमाचल कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष की कमान दी गई और उसी समय से सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हो गया था. चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का मुख्यमंत्री पद के लिए मुकाबला सीधा होली लॉज के साथ था.
बावजूद इसके सुखविंदर सिंह सुक्खू की राजनीतिक समझ, संगठन पर पकड़, विधायकों के समर्थन और आलाकमान के आशीर्वाद ने सुक्खू को प्रदेश के शीर्ष पद पर बिठा दिया. यह पहली बार है जब कांग्रेस में मुख्यमंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र से नहीं बल्कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बना है. साथ ही सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में बिना मूछों के मुख्यमंत्री कि मिथ्या को भी तोड़ दिया.
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