शिमला में PPP मोड पर चल रही पांच पार्किंग की होगी समीक्षा, CM सुक्खू ने किया सब कमेटी का गठन
Shimla News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में पीपीपी मोड पर चल रही पांच पार्किंग की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कार पार्किंग एक बड़ी समस्या है. आबादी वाले इलाकों में पार्किंग की कमी होने की वजह से लोगों को सड़कों पर ही गाड़ी लगाने पड़ती है. टूरिस्ट सीजन के दौरान यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है. शिमला के क्रॉसिंग में पीपीपी मोड पर करीब 800 गाड़ियों की पार्किंग तैयार की गई है.
पार्किंग की विकराल समस्या के बावजूद यह पार्किंग ज्यादातर खाली पड़ी रहती है. ऐसे में सरकार के सामने इस पार्किंग के सही इस्तेमाल को लेकर भी चुनौती के रूप में एक बड़ी समस्या है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मोड (PPP Mode) पर चलाई जा रही पांच पार्किंग की समीक्षा का फैसला लिया है.
कैबिनेट सब कमेटी में चार मंत्री शामिल
शिमला शहर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर चल रही पांच पार्किंग की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस कमेटी के सदस्य होंगे.
शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में काम करेंगे. यह कैबिनेट सब कमेटी लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टूटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी.
बहुमंजिला इमारत में कई कार्यालयों को किया था शिफ्ट
बता दें कि साल 2023 में 27 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रमुख सरकारी विभागों को खाली पड़ी टूटीकंडी स्थित बहुमंजिला इमारत में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. हिमाचल सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग, आबकारी एवं काराधान विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य आयोग, ऊर्जा निदेशालय और हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक कार्यालय के आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली को किराए की बिल्डिंग छोड़ टूटीकंडी पार्किंग कॉम्पलेक्स शिमला में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे.
यह भी पढ़ें: हिमाचल की ग्राम पंचायत ने किन्नरों के लिए शगुन की राशि तय की, जबरन वसूली की शिकायत पर फैसला