Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन हुआ है. यह हम नहीं खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अलग-अलग मंचों से इस बात का जिक्र करते हुए नजर आते हैं. व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार को सुख की सरकार भी कहा जा रहा है. लेकिन, अपनी ही सुख वाली सरकार से कांग्रेस के कई आला नेता नाराज भी चल रहे हैं. इन नेताओं की नाराजगी की वजह सरकार की ढीली कार्यप्रणाली है. कांग्रेस के कई आला नेता महत्वपूर्ण विभागों में वरिष्ठ अधिकारियों को बदले न जाने से नाराज चल रहे हैं. हालांकि अभी यह आवाज बुलंद न होकर धीमी ही है.


क्यों नाराज हैं कांग्रेस के आला नेता?


दरअसल, कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए जिन आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए, अब तक उन अधिकारियों को भी बदला नहीं गया है. कांग्रेस के आला नेता सत्ता में आने के बाद अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की बात करते रहे, लेकिन कार्रवाई तो दूर अब तक उनकी जगह नई तैनाती भी नहीं हो सकी है. कांग्रेस के आला नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि पार्टी के भीतर ही एक बड़ा वर्ग अधिकारियों के न बदले जाने को लेकर नाराज चल रहा है.


कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन जयराम सरकार में प्रभाव रखने वाले कई अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा बुलंद किया, लेकिन आज सुक्खू सरकार उन्हीं अफसरों से घिरी हुई है. ऐसे में जनता के बीच सही संदेश नहीं जा रहा. पार्टी को भविष्य में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.


पुराने अधिकारियों के साथ ही काम कर रहे मुख्यमंत्री


अब इस पूरे प्रकरण में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच व्यवस्था परिवर्तन वाली है. मुख्यमंत्री लगातार व्यवस्था परिवर्तन के साथ जनता को सुख देने की बात कर रहे हैं. वे लगातार इस बात के भी हिमायती रहे हैं कि सरकार किसी भी अफसर को बदले की भावना से नहीं हटाएगी. सरकार पुराने अधिकारियों के साथ ही काम करने के पक्ष में है. बशर्ते अधिकारी जनहित में सरकार के साथ काम करे. हालांकि हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बारीकी से समझने वाले जानकार बताते हैं कि हर सरकार के अपने करीबी अफसर होते हैं.


चूंकि सुखविंदर सिंह सुक्खू पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, ऐसे में उनके करीबी अफसरों की संख्या कम है. यही वजह है कि देश में सत्ता परिवर्तन के बाद अफसरशाही में परिवर्तन होने में वक्त लग रहा है. हालांकि वक्त कितना होगा और कैसे कटेगा? इसका तो भविष्य में ही पता चलेगा. पार्टी का एक बड़ा वर्ग व्यवस्था परिवर्तन के साथ अवस्था परिवर्तन का इंतजार कर रहा है. अंदेशा यह भी है कि पार्टी के एक बड़े वर्ग की नाराजगी सरकार पर भारी न पड़ जाए.


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