Himachal News:  हिमाचल प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने केंद्र सरकार से जल विद्युत्त संयंत्रों के संचालन के लिए 40 साल का अनुबंध तय करने और इन परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली बिजली में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में किन्नौर जिले का दौरा करने वाले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से मुलाकात की थी.


‘केंद्र से 40 साल का अनुबंध तय करने का आग्रह’
एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) सहित विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के साथ 40 साल का अनुबंध तय करने का आग्रह किया. बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं से बिजली की अधिक हिस्सेदारी की भी मांग की, क्योंकि राज्य को कई ऐसी परियोजनाओं से प्राप्त होने वाले राजस्व से वंचित किया जा रहा है जो कर्ज मुक्त हो गई हैं.


‘शानन प्रोजेक्ट भी प्रदेश को सौंपने की मांग’
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को सीएम सुक्खू की तरफ से बताया गया था कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के सामने उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. सीएम सुक्खू ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को शानन परियोजना के स्वामित्व से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया. उनको यह भी बताया गया है कि शानन परियोजना के स्वामित्व का अधिकार पंजाब सरकार के पास नहीं है. शानन परियोजना पंजाब को सिर्फ पट्टे पर दी गई है. इस पट्टे की अवधि भी मार्च, 2024 में पूरी हो जाएगी. सीएम सुक्खू ने बताया कि केंद्र सरकार से प्रदेश में 25 मेगावॉट क्षमता से कम की पनविद्युत परियोजनाओं को सुविधा प्रदान करने के लिए भी आग्रह किया गया है. साथ ही निशुल्क विद्युत बिक्री से सम्बंधित विभिन्न मामलों पर भी चर्चा हुई है.  


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