Himachal Drugs Smuggling: हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार लगातार अपने पैर पसार रहा है. पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा नशा बिक रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशा माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए रणनीति तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) पहले भी कई बार नशा माफियाओं को खत्म करने की बात कह चुके हैं.
'नशा माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त'
हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार नशे की बढ़ती समस्या को लेकर गंभीर है. सरकार ने यह फैसला लिया है कि जल्द ही नशा माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए एक सख्त कानून लाया जाएगा. इस कानून के तहत नशा माफियाओं की संपत्ति को जब्त करने का काम होगा. उन्होंने कहा कि नशा माफियाओं ने जो संपत्ति नशे के पैसों से जुटाई है, उसे जब्त किया जाएगा.
23 मार्च को हुई थी अहम बैठक
इससे पहले 23 मार्च को भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि नशे की बुराई पर रोक और ड्रग माफिया पर कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार सलाहकार बोर्ड बनाएगी. इसके अलावा सरकार ने नशा तस्करों की संपत्तियां भी जब्त करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तस्करों को रोकने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. यह टास्क फोर्स नशे को रोकने का काम करेगी. इसके अलावा नशा तस्करों की कमर तोड़ने पर खास ध्यान देगी.
हिमाचल में 2,307 ड्रग तस्कर सक्रिय
बता दें कि हिमाचल के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने पिछले महीने कहा था कि अंतरराज्यीय संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस जल्द ही अपने पंजाब समकक्ष के साथ मिलकर काम करेगी. उन्होंने कहा था कि वह हाल ही में पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव से मिले थे हमने फैसला किया है कि दोनों राज्यों की पुलिस ड्रग्स तस्करी के धंधे की कमर तोड़ने के लिए एक-दूसरे के साथ संयुक्त रूप से काम करेगी. एक आंकड़े के अनुसार हिमाचल में 2,307 ड्रग तस्कर सक्रिय है जिनमें से 1836 (80%) हिमाचल से 422 (18%) अन्य राज्यों से और 49 (2%) विदेशी हैं.
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