Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कुछ कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया था. इस पर विधानसभा सचिवालय ने कार्रवाई तेज कर दी है. विधानसभा सचिवालय ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है. 


यह कार्रवाई तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर की जा रही है. इससे अब कर्मचारी नेता और अन्य कर्मचारियों में नाराजगी है.


विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज से पहले हिमाचल प्रदेश में कभी भी कर्मचारी नेताओं के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया गया. उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी लड़ते रहे हैं, लेकिन कभी इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया गया.


उन्होंने कहा कि राज्य की जनता जानती है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहा है. बावजूद इसके यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा रहा है. संजीव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार उनकी आवाज दबा नहीं सकती है. यह सिर्फ सचिवालय कर्मचारियों की आवाज नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की आवाज है. 


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी लंबित डीए और एरियर के भुगतान की मांग उठा रहे हैं. वह अपनी मांग पर अब भी अडिग हैं. सरकार उन्हें डराकर दबा नहीं सकती है. सचिवालय सेवाएं महासंघ ने अब 17 सितंबर को महासंघ महासभा करने का ऐलान किया है. 


कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला है मोर्चा
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने 21 अगस्त को गेट मीटिंग की थी. इस गेट मीटिंग में राज्य सरकार से महंगाई भत्ता और संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग उठाई गई थी. यह काफी वक्त से लंबित है. इसी दौरान सरकार की कार्यप्रणाली, कार्यालय पर खर्च हो रहे धन और मंत्रियों को मिलने वाले टेलीफोन भत्ते के साथ सत्कार भत्ते पर भी सवाल खड़े किए गए थे.


इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद ही कर्मचारियों ने राजेश धर्माणी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. यही नहीं, उन्हें किसी कर्मचारी के विरुद्ध बिलासपुर से बाहर आकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने तक की चुनौती दे दी गई थी.


किस-किस के खिलाफ है प्रिविलेज मोशन का नोटिस?
राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संगठन और सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा, महासचिव कमल किशोर शर्मा, सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष टेक राम, चालक संघ के अध्यक्ष अमर कुमार, पीए-पीएस संगठन के अध्यक्ष बोधराज चंदेल के विरुद्ध विशेष अधिकार हनन का नोटिस दिया है. 


इससे पहले भी कर्मचारियों की बयानबाजी को लेकर सरकार ने इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कर्मचारी इसका जवाब दे चुके हैं.


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